कलुआ नाम के इस नशेड़ी बंदर को हुई उम्रकैद की सजा, वजह जानेंगे तो रह जाएंगे दंग!
शराब का लती और बेहद खूंखार हो चुका ये बंदर इस समय कानपुर के प्राणी उद्यान में सजा काट रहा है। 250 से अधिक लोगों को काट चुके इस बंदर को यह सजा मिली है कि वह अपनी बाकी की जिन्दगी सलाखों के पीछे बिताए...

मर्डर, ब्लास्ट और यौन हिंसक घटनाओं को अंजाम देने वाले इंसानों को तो आपने उम्रकैद की सजा सुनाते सुना होगा। लेकिन क्या कभी आपने सुना है कि किसी जानवर को उम्रकैद की सजा हुई हो। लेकिन यह तो सच है। दरअसल, मिर्जापुर के एक बंदर को कानपुर के प्राणी उद्यान में उम्र भर रखा जाएगा। क्योंकि 3 वर्ष पूर्व मिर्जापुर जिले में आतंक का पर्याय बने बंदर की आदत में कोई सुधार न आने पर प्राणी उद्यान के विशेषज्ञों ने उसे ताउम्र पिंजरे में कैद रखने का फैसला लिया है।
बच्चों के नोचता था चेहरे
3 वर्ष पूर्व मिर्जापुर जिले के शहर और कटरा कोतवाली क्षेत्र के विभिन्न मोहल्लों में बंदर आतंक का पर्याय बन गया था। वह सैंकड़ों लोगों को काट चुका था। दिसंबर में उसका आतंक चरम पर पहुंच गया था। वह महिलाओं व छोटी बच्चियों के चेहरे नोच कर भाग जाता था।
बंदर का नाम है कलुआ
बता दें कि कानपुर के वन विभाग की टीम ने एक जनवरी 2017 को बंदर को बंदूक से बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर पकड़ा था। पकड़ने के बाद बंदर को कानपुर प्राणी उद्यान परिसर के पिंजरे में बंद रखा। इस बंदर का मुंह लाल व शरीर काला होने के कारण कलुआ नाम रखा गया है। इतना ही नहीं इस बंदर को प्राणी उद्यान के अस्पताल में काफी दिनों तक आइसोलेशन में रखा गया था। पिंजरे में बंद बंदर की हरकत और गतिविधियों पर डॉक्टर और विशेषज्ञ नजर रखते थे। लेकिन तीन वर्ष बाद भी बंदर की हरकतों में कोई बदलाव नहीं आया। इसके चलते बंदर को जिंदगी भी पिंजरे में रखने का फैसला लिया गया।
शराब पीता था यह बंदर
पशु चिकित्साधिकारी डॉ मोहम्मद नासिर ने बताया कि इस बंदर को पकड़ने के बाद छानबीन की गई तो पता चला कि यह मांस खाने और शराब पीने का आदी है। उसे एक तांत्रिक ने पाला था। तांत्रिक उसे शराब पिलाता था। तांत्रिक की मौत के बाद बंदर आजाद हुआ तो लोगों को जख्मी करने लगा। वह ज्यादातर बच्चियों और महिलाओं को काटता था।
बंदरियां करती थी चौकीदारी
कानपुर चिड़ियाघर के विशेषज्ञों की टीम ने बताया कि कलुआ नाम के इस बंदर ने दूसरे ग्रुप पर हमला कर दूसरी बंदरियों को अपना शागिर्द बना लिया था। यह बंदरियां उसकी चौकीदारी करती थी। पहले जब उसे पकड़ने की कोशिश की गई तो इन बंदरियों ने चिल्लाकर उसे चौकन्ना कर दिया था। बाद में उसे बेहोशी का इंजेक्शन देखकर पकड़ा गया।
30 से अधिक बच्चों का काटा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2017 में कलुआ नाम का यह बंदर 30 से अधिक बच्चों को काट चुका था। यह बंदर सिर्फ छोटे बच्चों को अपना शिकार बनाता था। हालात ये हो गई थी कि बच्चे अपने घर से बाहर निकलने में डरने लगे थे।
महिलाओं को रिझाकर काटने दौड़ता है कलुआ
मिर्जापुर का कलुआ बंदर प्राणी उद्यान में बंद था। लोग उसे देखने जाते तो यह बंदर पुरूषों को देखकर गुस्सा होता था, वहीं महिलाओं को दूर से इशारा कर पास बुलाता और फिर काटने दौड़ता था।
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