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पाकिस्तान के इस स्कूल में पढ़ाने गई टीचर ने बोला ‘सलाम’, बच्चों ने ‘जय श्री राम’ बोलकर दिया जवाब

Published: Aug 23, 2018 12:00:37 pm

Submitted by:

Sunil Chaurasia

अनम जब स्कूल में प्रवेश करती हैं तो वे बच्चों को ‘सलाम’ कहती हैं और उनके जवाब में बच्चे ‘जय श्री राम’ के कहकर उनका अभिनंदन करते हैं।

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पाकिस्तान के इस स्कूल में पढ़ाने गई टीचर ने बोला ‘सलाम’, बच्चों ने ‘जय श्री राम’ बोलकर दिया जवाब

नई दिल्ली। इस खबर को पढ़ने के बाद आपके दिल को काफी सुकून मिल सकता है। आए दिन हम ऐसी खबरें पढ़ते रहते हैं कि पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ अत्याचार के मामले बढ़ते जा रहे हैं। लेकिन पाकिस्तान के कराची शहर से आई ये खबर आपको राहत पहुंचा सकती है। दरअसल कराची में स्थित एक मंदिर में स्कूल खोला गया है, जहां आस-पास के रहने वाले हिंदू परिवारों के बच्चे पढ़ने आते हैं। खास बात ये है कि मंदिर में बने स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए एक मुस्लिम महिला टीचर आती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि अनम आगा (Anam Agha) नाम की ये टीचर खुद हिंदू बच्चों को शिक्षा देने की ज़िम्मेदारी उठाई है।
रिपोर्ट के मुताबिक अनम जब स्कूल में प्रवेश करती हैं तो वे बच्चों को ‘सलाम’ कहती हैं और उनके जवाब में बच्चे ‘जय श्री राम’ के कहकर उनका अभिनंदन करते हैं। यह मंदिर कराची के बस्ती गुरु क्षेत्र में स्थित है, मंदिर में स्कूल चलाने वाली अनम चाहती हैं कि पिछड़े परिवारों के ये बच्चे भी पढ़-लिख कर आगे बढ़ें। अनम का यह स्कूल एक हिंदू बस्ती में है, जो एक अस्थाई कॉलोनी है। इस कॉलोनी में करीब 90 हिंदू परिवार रहते हैं। लेकिन इस मंदिर और स्कूल को लेकर एक बड़ा डर भी अनम में बना हुआ है। स्थानीय भूमि माफियाओं की नज़रें इस मंदिर पर गड़ी हुई हैं, जो इस पर कब्ज़ा करना चाहते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस कॉलोनी में रहने वाले ज़्यादातर हिंदू परिवार काफी कठिन परिस्थितियों में ज़िंदगी का गुज़र-बसर कर रहा है। यहां के हिंदू लोग अनुसूचित जाति के पिछड़े हुए हैं और स्कूल न जाने की वजह से अशिक्षित रह जाते हैं। ऐसे में अनम ने इन बच्चों को नई राह दिखाने के लिए पूरी ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली है। अनम ने बताया कि उन्होंने मंदिर में स्कूल खोलने का कोई प्लान नहीं बनाया था। लेकिन बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल खोलने के लिए उन्हें कहीं उचित जगह नहीं मिली, जिसके बाद उन्होंने मंदिर में ही स्कूल खोल दिया।
अनम के लिए हिंदू बच्चों को पढ़ाने में काफी दिक्कतें होती हैं। क्योंकि यहां के स्थानीय मुस्लिम लोग उन्हें ऐसा करने से मना करते हैं। लेकिन अनम के इस नेक काम से हिंदू परिवारों में काफी खुशी है, जो अनम को भी खुशी देते हैं।

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