पुरातत्विदों का कहना है कि इस जहाज से भारतीय मसालों के साथ और भी कई चीज़ों का व्यापार किया जा रहा था। लेकिन किसी वजह से ये हादसे का शिकार हो गया होगा। पुरातत्विदों की इस बात को उस वक्त और भी ज़्यादा ताकत मिल गई, जब इस हिस्से की जांच में पता चला कि इसमें मसाले के अवशेष भी मिले हैं। विशेषज्ञों की मानें तो ये जहाज साल 1575 से 1625 के बीच डूबा होगा। ये वही समय है जब पुर्तगाल, एशिया से जमकर मसालों का व्यापार करता था।
जहाज के हिस्से को खोजने वाले पुरातत्विदों ने बताया कि उन्हें यह हिस्सा समुद्र में 40 फीट नीचे मिला, जो पूरी तरह से संरक्षित स्थिति में था। बता दें कि पुरातत्विदों के हाथ लगी ये कामयाबी उनके 10 साल लंबे प्रोजेक्ट का ही एक अंश है।
सदी की इस बड़ी खोज पर और ज़्यादा जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि जहाज का यह हिस्सा पुर्तगाल के टंगस नदी के किनारे मिला है। पुरातत्विदों और खोजकर्ताओं के लिए यह कोई आम किनारा नहीं है। सैकड़ों साल पहले गायब हुए जहाज के लापता हुए हिस्सों को खोजने की यह एक बेहद ही शानदार जगह है। लिहाज़ा पुरातत्विदों और खोजकर्ताओं के लिए यह जगह किसी हॉटस्पॉट से कम नहीं है।