जब बोमर ने गर्भावस्था में 16 हफ्तों का नियमित अल्ट्रासाउंड करवाया तो उन्हें चिल्ड्रन हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने उन्हें एक खबर दी जो किसी धमाके से कम नहीं थी। डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि उनके अजन्में बच्चे के कुल्हे पर बड़ा सा ट्यूमर हैं, डॉक्टरों बताया कि अगर ऑपरेशन किया गया तो बच्चे का हार्ट फेल होने की संभावना है।
परिवार वालों के मुताबिक, ‘यह हमारे लिए बहुत बड़ा झटका था’, बोमर ने बताया कि मैंने अपने जीवन में इतना बड़ा ट्यूमर नहीं देखा मेरी छोटी सी बच्ची किस दर्द से गुजर रनी होगी यस सोचकर ही मेरी रूह कांप जाती है। उस समय डॉक्टरों ने बताया कि अगर गर्भपात नहीं किया गया तो मां की जान को भी खतरा है लेकिन बोमार नेउनकी सलाह नहीं मानी और गर्भपात से इनकार कर दिया।
डॉक्टरों को भी अंत में उनकी जिद माननी पड़ी। लगातार चले 5 घंटे के ऑपरेशन के दौरान, लिनली के दिल को रोककर, उसे हृदय विशेषज्ञ द्वारा जीवित रखा गया था। सर्जिकल टीम ने गर्भाशय में पल रही लिनली के कुल्हे से ट्यूमर का एक बड़ा हिस्सा निकाल दिया। डॉक्टरों द्वारा की गई इस जीवनरक्षक सर्जरी के बाद, बच्ची को बोमर के गर्भ में फिर से स्थापित कर दिया गया। इसी तरह 36 हफ्तों के बाद लिनली का दूसरा जन्म हुआ। आज वह 1 साल की हो गई है और बिलकुल स्वस्थ है इतनी कठिन परिस्थिति में भी मां बोमर ने ईश्वर के प्रति विशवास नहीं छोड़ा और बस अपने दिल की सुनी।