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दरअसल, दक्षिण पोलैंड के व्रोक्लाव शहर के यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में एक ऐसे मामले को लेकर डॉक्टर्स ने सराहनीय और हैरान कर देने वाला प्रयास किया, जिसमें मां के साथ-साथ बच्चे के जान को भी पूरा खतरा था। हॉस्पिटल के नवजात विभाग की प्रमुख बारबरा क्रोलाक-ओलेजनिक के मुताबिक, इस प्रकार के गर्भावस्था को लंबे समय तक सफलतापूर्वक बनाए रखना दुर्लभ होता है।
मस्तिष्क कैंसर के चलते ब्रेन डेड मानी जा चुकी महिला को पिछले साल अंत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसे जीवन रक्षक (लाइफ सपोर्ट) प्रणाली के जरिये 55 दिनों तक जिंदा रखा गया। 55 दिनों के बाद जब लगा कि उसकी जान को खतरा है तब ऑपरेशन कर बच्चे का जन्म कराया गया। बच्चे के जन्म के बाद उसकी मां से जीवन रक्षक प्रणाली हटा ली गई।
दरअसल, दक्षिण पोलैंड के व्रोक्लाव शहर के यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में एक ऐसे मामले को लेकर डॉक्टर्स ने सराहनीय और हैरान कर देने वाला प्रयास किया, जिसमें मां के साथ-साथ बच्चे के जान को भी पूरा खतरा था। हॉस्पिटल के नवजात विभाग की प्रमुख बारबरा क्रोलाक-ओलेजनिक के मुताबिक, इस प्रकार के गर्भावस्था को लंबे समय तक सफलतापूर्वक बनाए रखना दुर्लभ होता है।
मस्तिष्क कैंसर के चलते ब्रेन डेड मानी जा चुकी महिला को पिछले साल अंत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसे जीवन रक्षक (लाइफ सपोर्ट) प्रणाली के जरिये 55 दिनों तक जिंदा रखा गया। 55 दिनों के बाद जब लगा कि उसकी जान को खतरा है तब ऑपरेशन कर बच्चे का जन्म कराया गया। बच्चे के जन्म के बाद उसकी मां से जीवन रक्षक प्रणाली हटा ली गई।
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डॉक्टरों के मुताबिक समय पूर्व जन्मे बच्चे को अब किसी प्रकार की गंभीर समस्या नहीं है। जन्म के समय बच्चे का वजन केवल एक किलो था। तीन महीने के गहन देखभाल के बाद उसका वजन तीन किलो हो गया। इसके बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
डॉक्टरों के मुताबिक समय पूर्व जन्मे बच्चे को अब किसी प्रकार की गंभीर समस्या नहीं है। जन्म के समय बच्चे का वजन केवल एक किलो था। तीन महीने के गहन देखभाल के बाद उसका वजन तीन किलो हो गया। इसके बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।