32 साल के इस लड़के ने कुछ साल पहले ‘लिंग’ परिवर्तन करवाया था लेकिन यहां सवाल यह उठता है आखिर उसने ऐसा किया क्यों। बता दें कि साल 2017 में लड़के के पिता की मौत हो गई। वे रेलवे के एक रिटायर्ड कर्मचारी थे। साल 2018 से इस अनोखे मामले में नया मोड़ आया। दरअसल, रेलवे ऐसे परिवार को फैमिली पेंशन देता है, जो उसी कर्मी पर आश्रित हों और बेटा ना हो या फिर बेटा 25 साल की उम्र से कम हो। किसी रेलकर्मी के परिवार में अगर सिर्फ बेटियां हों और उनकी शादी ना हुई हो तो उसी परिवार को रेलवे से फैमिली पेंशन मुहैया कराई जाती है। इस मामले में बेटे की उम्र 30 के ऊपर थी साथ ही घर में ऐसी कोई बेटी नहीं थी जिसकी ज़िम्मेदारी परिवार के ऊपर हो। लिहाजा रेलवे ने इस परिवार को फैमली पेंशन देने से इंकार कर दिया। इसपर परिवार के बेटे ने ‘लिंग’ परिवर्तन करा लिया।
रेलवे इस पत्र को लेकर अभी तक किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच पाया और रेलवे ने इस पत्र को केंद्रीय कार्मिक, पेंशन और लोक शिकायत मंत्रालय को भेज दिया है। इस मामले को लेकर दक्षिणी रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि- ‘यह रेलवे के इतिहास के 160 वर्षों में अब तक का सबसे पहला मामला है। रेलवे इस मामले को लेकर असमंजस में है इसलिए उसने इस मामले को केंद्र सरकार को भेज दिया है। वहीं ‘लिंग’ परिवर्तन कराने वाले लड़के से जब सवाल किया गया तब उसने यह बताया कि वह अपने पिता के देहांत के पहले से ही एक लड़की का जीवन जी रहा था। साथ ही उसने यह भी बताया कि वह एक अविवाहित आश्रित बेटी के रूप में पेंशन के लिए पात्र है।