हम बात कर रहे हैं नक्सल प्रभावित झारखंड की, जहां लोग अपने बच्चों को पढ़ा लिखाकर समाज की मुख्यधारा में लाना चाहते हैं। लेकिन यहां पर सक्रिय नक्सली कई बार लोगों के इस मंसूबे को कामयाब नहीं होने देने का प्रयास करते हैं। ऐसे में यहां के लोगों ने एक अनोखा रास्ता निकाला है और अपने बच्चों को तीर-कमान सिखा रहे हैं। दरअसल, कई सारे गांव ऐसे हैं जहां स्कूल की सुविधा नहीं है। ऐसे में बच्चों को स्कूल जाने जंगल पार करके दूसरे गांव जाना पड़ता है। इन जंगलों में नक्सलियों का कब्जा है. ऐसे में वो स्कूल जाते समय तीर-कमान साथ रखते हैं और जंगल से दबे पांव निकल जाते हैं।
अच्छी बात यह है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र में होने के बाद भी बच्चे खुद के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। ये बच्चे स्कूल में पढ़ाई करने के साथ-साथ अपने जान की रक्षा भी खुद ही कर रहे हैं। बच्चों ने खुद की जान बचाने के लिए तीर-कमान सीखा है। इस बारे में गांव के लोगों का कहना है कि बच्चों को पढ़ाई करने के लिए जंगल पार जाना होता है। क्योंकि गांव और स्कूल के बीच जंगल पड़ता है, जो नक्सली प्रभावित है और वहां पर पहले कई बार घटनाएं हो चुकी हैं। ऐसे में सावधानी के लिए बच्चे तीर-कमान लेकर स्कूल जाते हैं।