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इनके पास होता है इंसान के सारे कर्मों का लेखा-जोखा, यमराज इसी के आधार पर देते हैं सजा

locationनई दिल्लीPublished: Feb 20, 2019 09:24:38 am

Submitted by:

Arijita Sen

इंसान किसी काम को अगर सभी से छिपाकर भी अंजाम देता है तो भी इसकी भनक इन्हें लग ही जाती है।

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इंसान के पास हमेशा घूमते रहते हैं धर्मराज के ये दूत, कर्मों का सारा विवरण चित्रगुप्त तक पहुंचाना होता है इनका काम

नई दिल्ली। जीव जैसा कर्म करता है उसे वैसा ही फल मिलता है। अपने कर्मों से कोई पीछा नहीं छुड़ा सकता है। मौत के बाद आत्मा को जीवित अवस्था में उसके द्वारा किए गए कर्मों के आधार पर सजा का भुगतान करना पड़ता है। 18 पुराणों में से एक गरुड़ पुराण में इन सारी बातों का बहुत ही सुंदर विवरण किया गया है।

 गरुड़ पुराण

गरुड़ पुराण में ऐसा कहा गया है कि हर एक इंसान के पास हमेशा श्रवण नामक गण रहते हैं। किसी को कभी न दिखाई देने वाले ये गण मनुष्य के आसपास विचरण करते रहते हैं। स्वर्गलोक, पाताललोक और मृत्युलोक में भ्रमण करने वाले ये गण ब्रह्माजी के पुत्र हैं और इनका काम घूम-घूमकर जीव के अच्छे बुरे कर्मों को देखना होता है।

स्वर्गलोक

श्रवण नामक ये देवता दूर रहने पर भी हर एक चीज पर बारीकि से नजर रख सकते हैं और ये सुन भी सकते हैं। इसी वजह से इनका नाम श्रवण है। इंसान किसी काम को अगर सभी से छिपाकर भी अंजाम देता है तो भी श्रवण को इसकी भनक लग ही जाती है। इन देवताओं की स्त्रियों को श्रवणी के नाम से जाना जाता है। देवियों को महिलाओं के चरित्रों की पहचान होती है।

Hell

ये सभी धर्मराज के दूत हैं। प्राणियों द्वारा किए गए हर एक कर्म की सूचना ये चित्रगुप्त तक पहुंचाते हैं। यमदूत जब किसी आत्मा को यमलोक ले जाते हैं तो सबसे पहले यमपुरी के द्वार पर स्थित द्वारपाल को सूचित करते हैं। इसके बाद द्वारपाल द्वारा यह बात चित्रगुप्त तक पहुंचाई जाती है और चित्रगुप्त के माध्यम से यमराज जान पाते हैं कि कोई आत्मा उनके पास आई है।

चित्रगुप्त

यमराज उस आत्मा द्वारा किए गए कर्मों का लेखा जोखा चित्रगुप्त से पूछते हैं। चित्रगुप्त सारी जानकारी यमराज को देते हैं। विचार करने के बाद ही किसी को स्वर्गलोक में जगह मिलती है तो किसी को नर्क का दर्शन करना पड़ता है।

जन्म ग्रहण

कर्मों के आधार पर ही आत्मा धरती पर जन्म ग्रहण करती है। कोई सुखमय जीवन बिताता है तो किसी की जिंदगी जहन्नुम बन जाती है।

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