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अंधों की नगरी! इंसान ही नहीं यहां पशु-पक्षी भी हैं अंधे, एक ‘पेड़’ है इसके पीछे की वजह

Published: Sep 12, 2018 05:58:13 pm

Submitted by:

Priya Singh

यहां जोपोटेक जाति के लगभग 300 रेड इंडियन निवास करते हैं। आपको बता दें यहां जन्म के समय बच्चे ठीक होते हैं लेकिन उसके कुछ दिनों में दृष्टिहीन हो जाते हैं।

city of the blinds not only human birds and animals are also blind

अंधों की नगरी! इंसान ही नहीं यहां पशु-पक्षी भी हैं अंधे, एक ‘पेड़’ है इसके पीछे की वजह

नई दिल्ली। आपको जानकार हैरानी होगी लेकिन एक ऐसा भी गांव है जहां महिला से लेकर पुरुष तक, पशु से लेकर पक्षी तक सभी अंधे हैं। यही कारण है कि यहां के पक्षी उड़ नहीं पाते, पेड़ों से टकरा कर गिर जाते हैं, पशु अपना शिकार नहीं ढूंढ पाते। दुनिया में एक ऐसी जगह भी है जहां के लोगों की आंखें तो हैं लेकिन वे सब देख नहीं पाते हैं। सुनने में कितना अजीब लगता है लेकिन ये सच है कि ऐसा एक गांव अस्तित्व में है।

इसमें कोई शक नहीं कि, इस बात को जानने के बाद आपको यकीन करना मुश्किल होगा लेकिन यह बात शत प्रतिशत सही है। टिल्टेपक नामक इस गांव में जोपोटेक जनजाती के लोग बसते हैं। यहां जोपोटेक जाति के लगभग 300 रेड इंडियन निवास करते हैं। आपको बता दें यहां जन्म के समय बच्चे ठीक होते हैं लेकिन उसके कुछ दिनों में दृष्टिहीन हो जाते हैं। टिल्टेपक एक सड़क के किनारे बसा हुआ है। जहां करीब 70 झोपड़ियां हैं जिनमें खिड़की नहीं होती इसके पीछे का कारण भी साफ है क्योंकि इन्हें रोशनी की जरूरत ही नहीं पड़ती।

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जीवन में इस कमी के चलते यहां लोग पत्थरों पर सोते हैं और खाने में सेम, बाजरा और मिर्च खाते हैं। साथ ही इनके पास लकड़ी से बने औजार रहते हैं जिनसे वे काम करते हैं। इनके जीवन का एक सूत्री काम होता है ये रात का खाना खाकर, फिर शराब पीकर नाच-गाना भी करते हैं और सो जाते हैं। यहां की मान्यताओं के अनुसार, इनकी इस बीमारी का कारण एक पेड़ है। यहां के वासियों के मुताबिक यहां स्थित ‘लावजुएजा’ नामक एक पेड़ है जिसे देखने के बाद लोग दृष्टिहीन हो जाते हैं। इस गांव के तरफ वैज्ञानिक भी आकर्षित हुए उन्होंने जांच की और पीछे का कारण जाना लेकिन जिस पेड़ की ये सब बात करते हैं वैज्ञानिकों को इस बात से इत्तेफाक नहीं। उनका कहना है कि उसी पेड़ को देखने के बाद भी पर्यटकों को ये बीमारी क्यों नहीं होती।

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वैज्ञानिकों की एक शोध में पाया गया कि ये समस्या उन्हें एक काली मक्खी के काटने के कारण होती है। इस विषैली मक्खी के काटने से उनके शरीर में एक तरह के कीटाणु फैल जाते हैं जो कि उनकी आंखों के नसों को ब्लॉक कर देते हैं, जिससे दिखना बंद हो जाता है। ये एक विशेष तरह की काली मक्खियां होती हैं जो 1 इंच के पांचवे भाग के बराबर होती हैं। जब यह मक्खियां किसी को काटती हैं तो यह कीटाणु उसके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। कुछ दिनों में काटने वाली के शरीर में सूजन आ जाती है। धीरे-धीरे ये कीटाणु आंखों कि दोनों नसों को अस्त-व्यस्त कर देते हैं। जिससे जल्दी ही व्यक्ति अंधा हो जाता है।

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