ऐसे में लंदन ( London ) और बर्लिन ( Berlin ) में काई ( moss ) की दीवार वाले कई सिटी ट्री ( CityTree ) देखने को मिल रहे है और इनका परिणाम भी काफी बेहतर है। इन सिटी ट्री की खासियत ये है कि इन्हें कम खर्च के साथ तंग जगह में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
एक सिटी ट्री में तकरीबन 275 पेड़ों के बराबर प्रदूषण सोखने की क्षमता होती है। सिटी ट्री कार्बन डाईऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसे खतरनाक प्रदूषित कणों ( particulate matter ) को अवशोषित करता है और साथ ही ऑक्सीजन ( oxygen ) का उत्पादन करता है।
मौजूदा वक़्त में दुनियाभर के 20 प्रदूषित शहर भी इसे आजमा रहे हैं। काई ( Moss ) पेड़ के तनों, इमारतों या पहाड़ों या फिर ज्यादा बारिश वाले इलाको में ही देखा जाता है। ज्यादातर पेड़-पौधे अपनी जरूरतें जड़ों के जरिये पूरी करते हैं, लेकिन काई अपनी सारी जरूरतों को हवा से पूरी करती है।
इसी कॉनसेप्ट पर सिटी ट्री को तैयार किया गया है। इस सिटी ट्री को सार्वजनिक स्थानों पर स्टील की फ्रेम के साथ लगाया गया है। एक सिटी ट्री हर रोज 250 ग्राम प्रदूषित कणों सोखने की क्षमता होती है। इससे लोगों को साफ-स्वच्छ हवा मिलती है।
सिटी ट्री के हर टावर में वॉटर टैंक, सोलर पैनल, बैटरी और सेंसर लगे होते हैं। सिटी ट्री पांच मीटर के दायरे में तापमान करीब 17 डिग्री रहता है। जिससे शहरों में बढ़ती गर्मी को भी कम किया जा सकता है। जबकि सिटी ट्री में लगे सोलर सिस्टम से बारिश के पानी को संरक्षित किया जाता है।