लेकिन हैरान कर देने वाली बात ये है कि जब व्हील चेयर पर बैठी प्रेगनेंट महिला के गर्भ से उसके बच्चे का हाथ बाहर निकल आया तो डॉक्टरों ने इंसानियत को शर्मसार करने वाले रवैये से हाथ को वापस अंदर की ओर कर दिया। दर्द से तड़प रही महिला को देखकर अस्पताल प्रशासन का दिल थोड़ा भी नहीं पिघला। अस्पताल चाहता था कि महिला को किसी दूसरे अस्पताल में रेफर किया जाए। इसी वजह से महिला काफी देर तक तड़पती रही।
फिर काफी देर बाद जब सफदरजंग अस्पताल जाने के लिए एंबुलेंस में जैसे ही महिला को लेटाया गया तो डिलीवरी हो गई। जिसके बाद महिला को तुरंत वॉर्ड में ले जाया गया, जहां बच्चे ने जन्म के सिर्फ 15 मिनट बाद ही दम तोड़ दिया। जयदेव ने अपनी पत्नी सोनिया की हालत को देखते हुए उन्हें सिविल अस्पताल ले गए थे। लेकिन डॉक्टरों ने खून की कमी बताकर डिलीवरी सफदरजंग अस्पताल में कराने की बात कही थी। अस्पताल की लापरवाही पर अब पूरी जांच के लिए डीसी एक टीम भी गठित कर दी है।