बता दें कि, पति-पत्नि को प्रकृति से प्रेम है जिसके कारण दोनों ने अपना घर नेचर के नजदीक बनाने का फैसला किया। इसके लिए पहले उन्होंने डिजाइनर घर का खाका तैयार किया। इस खाके को हकीकत के रूप में हरी के आर्किटेक्चर दोस्त ने बदला। इस घर की दीवारें गीली मिट्टी और छत कंक्रीट और टाइल से बनी हैं, जिसके कारण सूरज की रोशनी दीवार के पार नहीं जा पाती और ठंडक बनी रहती है। यही कारण है कि इसमें बिजली की खपत बेहद कम होती है। घर में कुछ एक जगह पर ही लाइट प्वाइंट बनाए गए हैं। हरि कन्नूर में स्थानीय जल प्राधिकरण का एक कर्मचारी है और आशा एक समुदाय का हिस्सा है जो किसानों को प्राकृतिक खेती का अभ्यास करने में मदद करता है। वे दोनों प्रकृति से प्यार करते हैं और यह उनके जीवन के हर पहलू में झलकता है। इसके अलावा इन्होंने घर में प्रकृतिक फ्रिज भी बनाया है। इसके लिए उन्होंने घर में एक गड्ढा खोदकर उसके किनारे किनारे ईंट लगाकर बालू रखकर समान को उसके ऊपर रखते हैं इससे खाना काफी देर तक सुरक्षित रहता है।