जब व्यापारियों का काफिला उस रास्ते से वापस गुज़रा तो उन्हें ऊंट एकदम स्वस्थ दिखा। असल में जिसे वे कीचड़ से भरा तालाब समझ में रहे थे वह तेल से भरा था। इस घटना के बाद कई लोगों ने उस तालाब में नहाकर अपनी तबियत के ठीक हो जाने की बात कही। तभी से इस देश में क्रूड ऑयल को दवा के तौर पर इस्तेमाल करना शुरू हुआ। माना जाता है कि तेल में अनेक प्रकार के केमिकल होने से अगर अधिक समय तक नहाया जाए तो शरीर पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। इस तेल में ज्यादा देर तक नहाने पर मौत भी हो सकती है। हेल्थ सेंटर के मुताबिक इस बाथ का 10 दिन का कोर्स होता है। दिन में 10 मिनट से ज्यादा किसी भी मरीज को क्रूड ऑयल में नहाने नहीं दिया जाता और हर प्रकार की सावधानी बरती जाती है।