तमिलनाडु के पूर्वी तट पर रामेश्वरम द्वीप के किनारे स्थित धनुषकोडी को भारत का आखिरी छोर कहा जाता है। ये भारत और श्रीलंका के बीच स्थित है। बालू के टीले पर मौजूद इस जगह की लंबाई केवल 50 गज है। बताया जाता है साल 1964 में आए खतरनाक चक्रवात से धनुषकोडी उजड़ गया था। इसमें सौ से अधिक यात्रियों वाली एक रेलगाड़ी समुद्र में डूब गई थी। तब से यह जगह मनहूस हो गई।
रात होते ही यहां का महौल बदल जाता है। लोग यहां से दूर चले जाते हैं और चारो तरफ अजीब-सा सन्नाटा पसर जाता है। जो कोई भी यहां रुकने की कोशिश करता है उसके साथ अजीबो-गरीब घटनाएं हुई हैं। लोगों ने यहां नकरात्मक शक्तियों को महसूस किया है। इस जगह की पौराणिक मान्यता भी है। बताया जाता है कि विभीषण के निवेदन करने पर भगवान राम ने अपने धनुष के एक सिरे से सेतु को तोड़ दिया था। इस कारण से इसका नाम धनुषकोटि पड़ा।