लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि रेल के उन पुराने डिब्बों का क्या होता है, जो अपनी सर्विस पूरी कर चुके होते हैं और इससे ज़्यादा सवारी नहीं धो सकते। चलिए आज हम आपको रेलवे के उन पुराने डिब्बों के बारे में बताने जा रहे हैं। वैसे तो रेल की ऐसे डिब्बों को कई तरह के कामों में इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन मुख्य तौर पर इन्हें दो तरीकों से इस्तेमाल में लाया जाता है। सबसे पहला तो ये कि.. पुराने डिब्बों को मॉडिफाई कर इसे ऐसा बना दिया जाता है कि ये फिर से सवारी ढोने के काबिल बन जाते हैं। और दूसरा ये कि..रेलवे के इन पुराने डिब्बों को कर्मचारियों का घर बना दिया जाता है।
जी हां, रेल के पुराने डिब्बों को रेलवे के कर्मचारियों का घर बना दिया जाता है। जो कर्मचारी अपने घरों से दूर काम करते हैं, उनके लिए इन डिब्बों को ही उनका घर बना दिया जाता है। ऐसे घरों को Camp Coaches कहा जाता है। Camp Coaches में रहने वाले सभी कर्मचारी रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग के अंतर्गत काम करने वाले होते हैं। कई बार काम के सिलसिले में इन लोगों को काफी लंबी दूरी तय करनी होती है। इसलिए कर्मचारियों की ज़रूरतों को देखते हुए, इन कोचों में बुनियादी सुविधाएं जैसे- फ्रिज, कूलर, टीवी, बेड आदि सामान की व्यवस्था भी की जाती है। हालांकि रेलवे के बड़े अधिकारियों के लिए Camp Coaches में एसी भी लगाया जाता है।