रितेश के पेट में पल रहे इस भ्रूण का वज़न करीब 900 ग्राम था, जो अभी अविकसित अवस्था में था। रितेश का ऑपरेशन करने वाली टीम के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि आम लोगों के लिए इस बात पर यकीन करना काफी मुश्किल है, लेकिन ऐसा संभव है। मेडिकल साइंस का हवाला देते हुए अस्पताल के पिडियार्टिस्ट डॉ. प्रभात ने कहा कि ऐसा बिल्कुल संभव है। इसके पीछे डॉक्टर ने एक बेहद ही हैरान कर देने वाली वजह भी बताई। डॉक्टर ने कहा कि रितेश के साथ ऐसी स्थिति उसके जन्म से पहले ही बन गई थी। डॉक्टरों की मानें तो रितेश जब अपनी मां के गर्भ में था, उस समय उसकी मां के गर्भ में दो भ्रूण विकसित हो रहे थे। लेकिन एक भ्रूण दूसरे भ्रूण के पेट में जा पहुंचा। जिसकी वजह से अब जाकर ऐसे हालात पैदा हुए।
डॉक्टरों ने बताया कि ऐसे मामले पांच लाख बच्चों में से एक बच्चे के साथ देखने को मिलते हैं। बता दें कि रितेश को पेट दर्द की शिकायत थी, जिसके बाद उसे यहां भर्ती कराया गया था। शुरूआती जांच में डॉक्टर भी नहीं पहचान पाए थे कि आखिर रितेश के पेटदर्द की असली वजह क्या है। अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन से तो ऐसा लग रहा था कि उसके पेट में कोई ट्यूमर है, लेकिन जब रितेश के ऑपरेशन के लिए उसके पेट को चीरा गया तो उसमें एक भ्रूण पल रहा था।