हॉगकांग में स्थित ये जगह एक मानसिक अस्पताल है। जिसे 1892 में बनाया गया था। दूसरे विश्व युद्द में इसे नर्सिंग स्टाफ क्वार्टर के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था। बताया जाता है कि युद्ध के समय सैनिक इस जगह को फांसी घर के तौर पर इस्तेमाल करते थे। मगर बाद में साल 1971 में यहां पर मनोविज्ञान चिकित्सा का काम किया जाने लगा था।
स्थानीय लोगों के मुताबिक अस्पताल के आसपास रात के समय में चीखने-चिल्लाने की आवाजे आती हैं। इतना ही नहीं यहां सिर कटी हुई डरावनी परछाइयां भी दौड़ती-भागती दिखाई देती हैं। बताया जाता है कि इस जगह पहले एक कब्रगाह हुआ करता था। यहां नकारात्मक शक्तियों का वास है। इसकी जांच के लिए कई वैज्ञानिक आएं, जिन्हें उपकरण में अंजान सिग्नल्स भी मिलें। लोगों का मानना है कि जिन सैनिकों की आत्मााएं भटक रही हैं वही लोगों को परेशान करती हैं।