कालू की मौत पर परिवार वालों ने अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को बुलाकर तेरहवीं भोज भी कराया। कालू की तेरहवीं पर उसके मालिक का पूरा परिवा गमगीन दिखाई दिया। आमतौर पर परिवार के किसी सदस्य की मौत होने पर उसकी आत्मा की शांति के लिए तेरहवीं भोज कराया जाता है।
लेकिन डॉ सैनी ने एक आम कुत्ते के प्रति जिस तरह से सम्मान दिखाया वो वाकई दिल छू लेने वाला है। कालू की मौत 13 जनवरी को हुई थी। डॉ. सैनी के लिए कालू सिर्फ एक कुत्ता नहीं था, बल्कि उसे वह अपने परिवार का अभिन्न हिस्सा मानते थे।
इसलिए उनके पूरे परिवार का कालू से गहरा जुड़ाव था। इसलिए डॉ. सैनी ने कालूू के लिए वो सब कुछ कर रहे हैं जो किसी एक फेमिली मेंबर के लिए किया जाता है। कालू डॉ. सैनी को गलियों में घूमता हुआ मिला था। उसे वहां से उठाकर वह अपने घर ले आए थे।
रात को लोगों के घरों की घंटी बजाकर करता था लोगों की नींद हराम, पकड़े जाने पर हुआ ये सलूक
उनका कहना है कि जब वह कुत्ते को घर लेकर लाए थे तब उनका परिवार काफी ज्यादा आर्थिक तंगी का सामना कर रहा था। लेकिन जिस दिन से कालू उनके घर में आया तभी से उनकी सारी समस्याएं दूर हो गई थी। कालू उनके परिवार के लिए बेहद ही भाग्यशाली था।
इसलिए सैनी परिवार ने अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर उसका अंतिम संस्कार किया। इसके बाद परिवार, रिश्तेदार, दोस्तों और गांव वालों को बुलाकर तेरहवीं भोज का आयोजन किया गया। इस तेरहवीं के लिए करीब 1100 लोगों को आमंत्रित किया गया था।