यह मंदिर मध्यप्रदेश के मनासा शहर से लगभग तीन किलोमीटर दूरी पर स्थित अल्हेड में मौजूद है जिसे ‘आई जी माता मंदिर’ कहा जाता है। इस मंदिर की ख़ास बात यह है कि यहां पर एक ज्योति जल रही है जिसके बारे में दावा किया जाता है कि ये पिछले 550 सालों से ज्यों की त्यों जल रही है और अभी तक एक भी ऐसा दिन नहीं रहा जब ये बुझी हो। यह ज्योति देशी घी की मदद से जलती है। यही नहीं जब ये ज्योति जलती है तो इसमें से कालिख नहीं बल्कि उसकी जगह से केसर निकलता है।
यह सुनकर आप भी चौंक गए होंगे लेकिन ये सच है, जब ते ज्योति जलती है तो इसमें से केसर टपकता है। यहां के लोग इस केसर को मां का प्रसाद मानते हैं और इसे अपनी आँखों में लगाते हैं। इस मंदिर के नाम के पीछे भी एक कहानी है, माता इस मंदिर में आईं थीं इसीलिए लोग इसे ‘आई जी मदिर’ कहते हैं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं के अनुसार इस दिव्य दिये से निकलने वाले केसर को जो भी अपनी आँख में लगा लेता है वो सभी तरह के रोगों से मुक्त हो जाता है।
एक पौराणिक कथा के मुताबिक़ एक बार दीवान वंशज के राजा माधव अचानक कहीं गायब हो गए और वो किसी को भी नहीं मिल रहे थे तब माता उन्हें ढूंढने निकली और फिर माता को राजा इसी गांव में मिले थे। उसी दिन से माता इस मंदिर में विराजमान है और तभी ये ये दिव्य ज्योति भी इस मंदिर में जल रही है जिसके केसर को पाने के लिए लोग सैकड़ों किलोमीटर सफर तय करके यहां आते हैं।