हवा में हिलाकर बजाते है बांसुरी
42 वर्षीय मनीराम छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के गढ़ बेंगाल गांव में रहने वाले है। मनीराम बांस से कई तरह की चीजें बनाते है। लेकिन सबसे ज्यादा वे अपनी बांसुरी को लेकर मशहूर है। उनका बांसुरी बनाने का अंदाज बिल्कुल अलग है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि वो बांसुरी को होंठों से नहीं बल्कि हवा में हिलाकर बजाते है। उनके इस अनोखी कला को देखकर हर कोई हैरान है। सभी यह सोचने के लिए मजबूर है कि आखिरकार मनीराम हवा में लहराकर बांसुरी से मधुर आवाज निकालते है।
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जंगली जानवरों को भगाने के लिए किया जाता है इस्तेमाल
पीपुल्स अर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया ने मनीराम की एक क्लिप शेयर की है। इस वीडियो में आप देख सकते है कि वो बांसुरी को हवा में हिलाकर बजाने की अवधारणा कला के बारे में बता रहे है। उनका कहना है कि इसका इस्तेमाल न केवल केवल संगीत पैदा करने के लिए किया जाता था, बल्कि अपनी यात्राओं के दौरान जंगली जानवरों को भगाने के लिए भी किया जाता था। जब हम जंगल में कुछ आदिवासी समुदायों की परंपरा में जाते हैं। इस दौरान इन बांसुरी को झुलाकर जानवर को दूर भगाते है।
लोग कर रहे है जमकर तारीफ
मनीराम का कहना है कि बांसुरी बनाने में कई घंटे लगते है। लेकिन उनको मेहनत की असली कीमत नहीं मिल रही है। कई बार उनको एक्जिबीशन में भी लेकर जाते है लेकिन वहां भी सही दाम नहीं मिलते। उन्होंने बताया कि यह काम पिछले 30 साल से कर रहे है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को देखकर लोग जमकर तारीफ कर रहे है।