बीएसई की फाइलिंग के मुताबिक इंफोसिस कंपनी में एकाग्रह रोहन की 15 लाख शेयरों की हिस्सेदारी हो गई है। यानी अब वह इंफोसिस का 0.04 फीसदी हिस्सेदार होगा। शेयरों का ट्रांसफर ‘ऑफ-मार्केट’ हुआ है। शेयरों के ट्रांसफर के बाद नारायण मूर्ति के पास कंपनी के कुल शेयरों का 0.36 फीसदी हिस्सा (1.51 करोड़ शेयर) बचा है। नारायण मूर्ति के पोते को तोहफा देने की खबर ऐसे समय आई, जब सोमवार को इंफोसिस के शेयरों में गिरावट देखने को मिली। माना जा रहा है कि इन दिनों विदेशी और घरेलू संस्थागत निवेशक जमकर शेयरों की बिकवाली कर रहे हैं। इसका असर आइटी शेयरों पर भी नजर आ रहा है।
रोहन मूर्ति और अपर्णा कृष्णन का बेटा पिछले साल 10 नवम्बर को नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति के बेटे रोहन मूर्ति की पत्नी अपर्णा कृष्णन ने एकाग्रह रोहन सिंह को जन्म दिया था। पिता की तरह रोहन मूर्ति भी सादगी से रहते हैं। एआइ स्रोतों के इस्तेमाल में माहिर रोहन एक डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन कंपनी के संस्थापक और मुख्य तकनीकी अधिकारी हैं। नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की पत्नी हैं।
पत्नी से उधार लेकर की थी शुरुआत पत्नी सुधा मूर्ति से 10 हजार रुपए उधार लेकर नारायण मूर्ति ने 1981 में इंफोसिस की शुरुआत की थी। आज इस कंपनी की नेटवर्थ 81.53 अरब डॉलर है। उन्होंने दोनों बच्चों को कंपनी से दूर रखा। नारायण मूर्ति ने करीब 30 साल इंफोसिस का नेतृत्व करने के बाद 2011 में चेयरमैन पद छोड़ दिया था। उनकी पत्नी सुधा मूर्ति को हाल ही राज्यसभा सदस्य बनाया गया है।