कोबरा के डसने से हुई थी मौत, 40 साल बाद दरवाज़े हुई दस्तक और फिर…
कई हज़ार साल पहले हो चुका था निर्माण…स्थानीय लोगों की माने तो, कई हजार वर्ष पूर्व इस जगह एक बहुत ही बड़ा मंदिर हुआ करता था। जिसे पहली शताब्दी में बनवाया गया था। लोगों की माने तो यहां 12वीं शताब्दी में बाढ़ आने से ये मंदिर पूरी तरह से धरती में ही दफन हो गया। बता दें कि, खुदाई के दौरान यहां बहुत शिवलिंग निकले लेकिन जिस शिवलिंग की हम बात कर रहे हैं वो इन सब में सबसे बड़ा है। ब्रिटिश पुरातत्ववेत्ता बैडलेर में 1862 के लिखे संस्मरण में एक विशाल शिवमंदिर का जिक्र किया है जिसे इस मंदिर को समझा जाता है। विभिन्न निष्कर्षों से यह पता चला है कि कई हजार वर्ष पहले यहां एक विशाल मंदिर हुआ करता था। जिसका निर्माण पहली शताब्दी के सरभपुरिया राजाओं द्वारा किया गया था।