नौ रत्नों वाली इन किताबों में पहली किताब प्रोपेगैंडा और युद्ध के मनोविज्ञान के ऊपर थी जिसमें बताया गया था की कैसे किसी शख्स की ओपीनियन को बदला जा सकता है। दूसरी किताब में शरीर विज्ञान से जुड़ी हुई बातों का जिक्र था साथ ही इसमें सिर्फ छूकर किसी को भी जान से मारने का ज़िक्र किया गया था। तीसरी किताब में बायोटेक्नोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी का जिक्र है। कहा जाता है कि इस किताब में हैजा के उपचार की विधि लिखी है।
पांचवी किताब में ऊपरी दुनिया के बारे में जानकारी दी गयी है साथ ही उनके साथ संपर्क के बारे में भी जानकारी दी गयी है। ऐसे में कहा जाता है कि उस ज़माने में लोग एलियंस का रहस्य जानते थे। इस क्रम में छठी किताब जो थी उसमें गुरुत्वाकर्षण “वैमानिक शास्त्र” के बारे में जानकारी दी गयी थी।
सातवीं किताब में ब्रम्हांड की उत्पत्ति और टाइम ट्रैवेल का जिक्र किया गया था। इस क्रम में किताब में प्रकाश और उसकी रफ़्तार का जिक्र किया गया है। नौवीं और अंतिम किताब में समाज शास्त्र का जिक्र है इसमें समाज के उत्थान और उसके पतन की भविष्यवाणी की भी बातें कही गईं थी।