मुआवजे के लिए जो पैसे मिलते हैं उन्हें पीड़ित परिवार और समुदाय के नेताओं में बांट दिया जाता है। बता दें कि यह परंपरा डुंगरी गरासिया भील आदिवासियों में प्रचलित है। भील आदिवासी इस परंपरा को क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम ( Criminal justice ) से ज्यादा इस परंपरा पर भरोसा करते हैं। भातियाभिया गामर का यह शव पिछले 6 महीनों से पेड़ पर ऐसे जी इसलिए टंगा हुआ है क्यों कि उसके घरवालों को शक है कि उसकी हत्या की गई है। 22 वर्षीय गामर का शव पोशिना के नजदीक एक पेड़ से लटका मिला था। उसके पिता मेननभाई मान चुके हैं कि उसकी हत्या की गई है।
मेननभाई के मुताबिक, जिस लड़की से वह प्रेम करता था उसी के परिवार वालों ने उसकी हत्या की है। गामर के रिश्तेदारों का कहना है कि शव पर मारपीट के निशान थे। उनका दावा है कि गामर के चेहरे पर किसी भारी चीज से हमला भी हुआ है। साथ उनका यह भी दावा है कि लड़की के परिजनों ने गामर को धमकी भी दी थी कि अगर ‘उसने लड़की से मिलना-जुलना नहीं छोड़ा तो उसका अंजाम बहुत बुरा होगा।’ 15 फीट की लंबाई पर लटके इस शव को बीते 6 महीनों से टांगकर लोग अपना रोज़मर्रा का काम कर रहे हैं। वहीं पुलिस ने हादसे में हुई मौत का केस दर्ज कर लिया है। लेकिन पुलिस से इन गांवालों को कुछ लेना देना नहीं है।