किसान कर रहे चूहों का शिकार दरअसल, असम के बक्सा जिले के कुमारिकता गांव के लोग खेती कर अपनी जीविका चलाते हैं, लेकिन रोज रात में चूहे इन्हें फसलों को बर्बाद कर देते थे। किसानों ने इसका उपाय निकाला और रोज रात में चूहों का शिकार करने का फैसला लिया।
चूहे के मीट की भारी डिमांड चूहे का मीट मार्केट में बेचा जाने लगा। रविवार को यहां एक मार्केट लगती है जहां खासतौर से चूहे का मीट बेचा जाता है। अब इसकी डिमांड बढ़ती जा रही है। गांव के लोग इस मार्केट में खासतौर से चूहे का मीट खरीदने के लिए आते हैं। इन लोगों के लिए यह एक तरह से पारम्परिक भोजन बनता जा रहा है।
200 रुपए किलो मिलता है चूहे का मीट चूहे का मीट 200 रुपए किलो तक बिकता है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, चिकन और पोर्क से ज्यादा चूहे का मीट लोगों को पसंद आ रहा है। किसानों का कहना है कि चूहे रात में अपने बिलों से बाहर निकलते हैं और उनकी फसलों को बर्बाद कर देते हैं, ऐसे में उन्हें मारना जरूरी है। दुकानदार का कहना है कि बिजनेस अच्छा चल रहा है। एक रात में 10 से 20 किलो तक चूहे मिल जाते हैं। इनका मीट बेचकर वह अपनी जीविका चला रहे हैं।