पलक झपकते ही अपना रंग बदल लेता है गिरगिट, जानें क्या है इसके पीछे का रहस्य
क्या कभी आपने सौचा है कि एक गिरगिट अपना रंग कैसे बदल लेता है। उसके शरीर मे ऐसी क्या चीज पाई जाती है। जो उसे इस तरह से रंग बदलने के लिए तैयार कर देती है।

नई दिल्ली: स्वार्थी या मतलबी इंसान की बात आते ही सबसे पहले गिरगिट का उदाहरण दिया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि गिरगिट ही अपना रंग आसानी से बदल लेता है। क्या आपको पता है कि वह ऐसा कैसे कर लेता है? हम आपको बताएंगे वह अपना रंग कैसे बदल लेता है।
जानें क्या है वजह?
दरअसल, गिरगिट की त्वचा में खास रंजक कोशिकाएं होती हैं, जो उसके रंग को बदलने के पीछे सबसे अहम होती है। तापमान बढ़ने और घटने पर इन कोशिकाओं में बदलाव होता रहता है। यह बाहर के टेम्प्रेचर के हिसाब से कम ज्यादा होती है, जिसकी वजह से इनकी त्वचा का रंग भी बदलता है। त्वचा में ऊपर से नीचे पीली, गहरे भूरे, काले, सफेद कोशिकाएं होने से गिरगिट अपनी त्वचा का रंग अलग कर लेता है।
टेम्प्रेचर के हिसाब से बदलता है रंग
बता दें, जब तापमान कम होता है तो उसकी कोशिकाएं फैलती है, जिससे उसका रंग गहरा हो जाता है।
जैसे धीरे—धीरे तापमान बढ़ता है उसकी त्वचा में बदलाव आने लगता है। यही वजह है कि जब गिरगिट को खतरा होता है तो उसके शरीर का तापमान कम ज्यादा होता है, जिससे उसके हार्मोंस भी कम ज्यादा होते है। ये उसके रंग को अलग दिखाते हैं।
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