scriptरोज 500 से भी ज्यादा जानवर क्यूं करते हैं इस शख्स का इंतजार, जिस दिन नहीं आता बहाते हैं आंसू | man drives hours every day in drought to bring water to wild animals | Patrika News

रोज 500 से भी ज्यादा जानवर क्यूं करते हैं इस शख्स का इंतजार, जिस दिन नहीं आता बहाते हैं आंसू

locationनई दिल्लीPublished: Sep 20, 2018 05:41:12 pm

Submitted by:

Priya Singh

वह एक किराए के ट्रक में रोज 3,000 गैलन पानी ढ़ोकर हर रोज ‘ये तस्वा वेस्ट नेशनल पार्क’ में प्यास से मरते जानवरों के लिए आशा की एक किरण बनकर जाते हैं।

man drives hours every day in drought to bring water to wild animals

रोज 500 से भी ज्यादा जानवर क्यूं करते हैं इस शख्स का इंतजार, जिस दिन नहीं आता बहाते हैं आंसू

नई दिल्ली। केन्या के स्थानीय वन्यजीवों को बचाने के अथक प्रयासों के लिए, पैट्रिक किलोनज़ो म्वलुआ एक नये नायक की तरह उभर कर सबके सामने आए हैं। वह एक किराए के ट्रक में रोज 3,000 गैलन पानी ढ़ोकर हर रोज ‘ये तस्वा वेस्ट नेशनल पार्क’ में प्यास से मरते जानवरों के लिए आशा की एक किरण बनकर जाते हैं। देश में सूखे के कारण अकाल जैसी स्थिति है और राष्ट्रपति ने स्थिति को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दिया है लेकिन उम्मीद की एक छोटी-सी किरण इनके जीवन में अभी बाकि है।

म्वलुआ का पालन-पोषण केन्या में ही हुआ, वे पेशे से एक किसान हैं। वे अपनी विरासत और देश के वन्य जीवों के लिए काफी गंभीर हैं। उन्होंने एक मीडिया में बताया कि, ‘हमारे यहां पहले की तरह अब बारिश नहीं होती, जैसे की पहले हुआ करती थी। मै अपने क्षेत्र में जानवरों को पीड़ित देखता हूं, इसलिए मैंने उनके पीने के लिए पानी की व्यवस्था करने का फैसला किया। अगर मैं ऐसा नहीं करता तो वे प्यास से मर जाते जो मेरी।’

man drives hours every day in drought to bring <a  href=
water to wild animals” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2018/09/20/bnuy_3441804-m.jpg”>

हर रोज, और कभी-कभी रात में, पैट्रिक ‘टवबो वेस्ट नेशनल पार्क’ में पानी के गड्ढे भरते हैं। वे बताते हैं 3,000 गैलन पानी ले जाना काफी जोखिम भरा काम है, यह बहुत मुश्किल होता है,’ उन्होनें आगे बताया,’ इसमें बहुत संयम होना चाहिए। जब मैं वहां पहुंचता हूं, तो हाथी, ज़ेब्रा और भैंस मेरे इंतजार में होते हैं, वे पानी की गंध सूंघ सकते हैं। मैं जब भी वहां जाता हूं वे हमेशा मेरा स्वागत करते हैं।

इतनी कड़ी मेहनत की वजह से म्वलुआ को ‘वाटर मैन’ नाम दिया गया है। अपने देश के वन्यजीव और उनके महान कार्यों के लिए अमेरिकी शे कॉलवे ने गो-फण्ड-मी पेज बनाने के लिए उन्हें प्रेरित किया है। उन्हें अब तक 18,000 डॉलर मिले हैं और अब वे अपनी स्वयं की ट्रक खरीदना चाहते हैं। वन्यजीव और उनकी विरासत में उनका योगदान अतुलनीय है। केवल सच्चा और बिना शर्त का प्यार ही हमारी दुनिया को एक खूबसूरत जगह बना सकता है इसे संभव बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करें।

man drives hours every day in drought to bring water to wild animals
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो