चार साल पहले हुई थी शादी पीड़ित शख्स के मुताबिक, 17 जून 2014 को मेरठ की रहने वाली युवती से उसकी शादी हुई थी। शुरुआत में सबकुछ सही था, लेकिन जब भी उसका फौजी भाई छुट्टी पर आता था वह उसके साथ वक्त बिताती थी। शादी के बाद भाई जल्दी-जल्दी छुट्टी पर घर आने लगा। वह जब भी घर पर रहता था, पत्नी मुझसे लड़ाई कर उसके कमरे में जाकर बैठ जाती थी और कमरा अंदर से बंद कर देती थी।
बेटी के बर्थ सर्टिफिकेट में पिता के कॉलम में देवर का नाम 2017 में बेटी का जन्म हुआ। पत्नी ने बर्थ सर्टिफिकेट में पिता के कॉलम में उसके फौजी भाई का नाम लिखवा दिया। शख्स का कहना है कि वह उसकी बेटी है और वह उसकी कस्टडी चाहता है। पीड़ित नेपत्नी और बेटी को पाने के लिए महिला थाने में अर्जी दी। मामला स्पेशल सेल को सौंपा गया। सहायक बाल विवाह निषेध एवं महिला संरक्षण अधिकारी देवेंद्र शर्मा ने दोनों पक्षों को आमने-सामने किया। पत्नी ने पति के साथ रहने से साफ इनकार करते हुए तलाक मांग लिया।