रेलवे सफर के दौरान हमें कई सारी चीजें देखने को मिलती है जैसे कि गांव की सड़कें,मैदानों में खेलते हुए बच्चे,जंगल,टनल,नदियां और साथ ही कई स्टेशन। स्टेशन पर जब गाड़ी रुकती है तो हॉकर्स, स्टॉल, यात्रियों के साथ हमें पीले रंग का सूचना बोर्ड भी दिखाई देता है। जिसमें उस जगह का नाम बड़े-बड़े साफ अक्षरों में और कई अन्य भाषाओं में लिखा रहता है। इस सूचना में एक और चीज की जानकारी रहती है जिसे हम सभी ने देखा तो जरुर है, लेकिन शायद हमें इस बारे में पता नहीं।
रेलवे स्टेशनों पर लगे बोर्ड के नीचे ‘समुद्र तल से ऊंचाई’ भी लिखी जाती है। आज हम आपको बताएंगे कि आखिरकार इसे लिखने के पीछे की वजह क्या है?
सबसे पहले बता दें, यह यात्रियों के लिए नहीं बल्कि गार्ड और ड्राईवर के लिए महत्वपूर्ण है। इसका इस्तेमाल मापने के लिए किया जाता है। जैसा कि हम जानते हैं कि पृथ्वी गोल है। ऐसे में मापने के लिए वैज्ञानिकों को ऐसे तल की जरुरत पड़ती है जो कि एक समान रहे। इसके लिए समुद्र से बेहतर विकल्प और कुछ हो ही नहीं सकता। ऐसे में ड्राइवर और गार्ड को सूचित करने के लिए रेलवे बोर्ड पर यह लिखना आवश्यक होता है। यानि कि मान लीजिए ट्रेन 100 मीटर समुद्र तल की ऊंचाई से 150 मीटर समुद्र तल की ऊंचाई पर जा रही है। ऐसे में सूचना बोर्ड को देखकर ड्राईवर इस बात का अंदाजा लगा लेता है कि इंजन की स्पीड किस हिसाब से बढ़ानी है।
इसके साथ ही ट्रेन के ऊपर लगे बिजली के तारों को एक समान ऊंचाई देने में भी इससे मदद मिलती है ताकि बिजली के तारों का सम्पर्क हमेशा ट्रेन के तारों से बनी रहे। इसका संबंध यात्रियों से तो बिल्कुल नहीं है, लेकिन कई बार प्रतियोगी परीक्षाओं में इस तरह के सवाल पूछ लिए जाते हैं, ऐसे में इन बातों की जानकारी बेहद आवश्यक है।