बता दें, इस महिला का नाम पेंतम्मा है।संपत्ति के लालच में आकर उनकी बहुओं ने उन्हें घर से निकाल दिया। दरअसल, पति की मौत के बाद हर दूसरी औरत की तरह पेंतम्मा भी पूरी तरह से अपने बेटों पर आश्रित हो गई। इसके कुछ समय बाद उन्होंने अपनी कुछ जमीनों को बेच दिया जिसके एवज में उन्हें दो लाख रुपये मिलें।
इस राशि में से एक लाख रुपये उन्होंने अपने दोनों बेटों में बांट दिया और बाकी के पैसे अपने पास रख लिए। कुछ वक्त बीतने के बाद पेंतम्मा का एक बेटा दुनिया से चल बसा और दूसरा घर छोड़कर भाग गया।
घर में बहुओं के अलावा इस बूढ़ी औरत का और कोई सहारा नहीं था। हालांकि हुआ कुछ ऐसा जिसकी शायद उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी।
बहुओं ने अपनी सास को नजरअंदाज करना शुरू कर दिया, वे उन्हें भूखा रखने लगी। इन सभी अत्याचारों से पेंतम्मा इस कदर त्रस्त हो गई थी कि वह अपने घर को छोड़कर सड़कों पर भींख मांगने को मजबूर हो गई। देखते ही देखते वह इधर बीच हैदराबाद पहुंच गई।
कहते हैं कि जब किस्मत के सारे दरवाजें बंद हो जाते हैं तो भगवान किसी एक दरवाजें को जरुर खुला छोड़ता है। ऐसा ही कुछ हुआ पेंतम्मा के साथ, भींख मांगकर उन्हें जो भी कुछ मिलता था उसे वह खर्च न करके अपने पास जमा करती रहती थी। धीरे-धीरे उन्होंने बहुत पैसे इकट्ठा कर लिए।
इधर बीच पुलिस ने जीएचएमसी (The Greater Hyderabad Municipal Corporation) अधिकारियों के साथ तलाशी अभियान चलाया। जिसके तहत पुलिस सभी भिखारियों की तलाशी ले रही थी। इस बीच पेंतम्मा के पास बेशुमार पैसा मिला। पूरी बात जानने के बाद पुलिस ने उस रकम को बैंक में जमा करा दिया।
आपको जानकर हैरानी होगी कि पेंतम्मा के पास से कुल 2 लाख 34 हजार तीन सौ बीस रुपए मिले, इन सबके अलावा एक गोल्ड चेन, चांदी के कुछ आभूषण भी मिले। पुलिस ने उन्हें वापस उनके घर में भेजने की बात कहने पर पेंतम्मा ने इससे इंकार कर दिया। उन्होंने विस्तार से पूरी बात अधिकारियों के सामने रखी। जिसके चलते उन्हें एक पुनर्वास केंद्र में भेज दिया गया।
वर्तमान समय में पेंतम्मा खुशी-खुशी अपनी जिंदगी गुजार रही हैं और उनके पैसे भी बैंक में सुरक्षित है जिनका इस्तेमाल वह जब चाहें अपने जरुरत के हिसाब से कर सकती है।