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अजब गजब

शिवलिंग जहां भोले के इशारे पर 12 साल में गिरती है बिजली, चकनाचूर हो जाने के बाद होता है ये

कुल्लू का पूरा इतिहास बिजली महादेव से जुड़ा हुआ है। कुल्लू शहर में ब्यास और पार्वती नदी के संगम के पास एक ऊंचे पर्वत के ऊपर बिजली महादेव का प्राचीन मंदिर है।

Jun 19, 2018 / 03:44 pm

Priya Singh

miracle of bijli mahadev mandir in himachal pradesh kullu

शिवलिंग जहां भोले के इशारे पर 12 साल में गिरती है बिजली, चकनाचूर हो जाने के बाद होता है ये

नई दिल्ली। कहा जाता है चारों दिशाओं में भगवान महादेव अपने भक्तों की परेशानियों को हरने के लिए विराजमान है। भारत में भगवान शिव के प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंग के अलावा ऐसे कई अद्भुत मंदिर है जो शिव के चमत्‍कारों के लिए जाने जाते हैं, उन्हीं में से एक है हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में स्थित बिजली महादेव। कुल्लू का पूरा इतिहास बिजली महादेव से जुड़ा हुआ है। कुल्लू शहर में ब्यास और पार्वती नदी के संगम के पास एक ऊंचे पर्वत के ऊपर बिजली महादेव का प्राचीन मंदिर है।

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एक मान्यता के अनुसार पूरी कुल्लू घाटी में ऐसी मान्यता है कि यह घाटी एक विशालकाय सांप का रूप है। इस सांप का वध भगवान शिव ने किया था। जहां शिवलिंग पर हर 12 साल के बाद आसमानी बिजली गिरती है, यहां भगवान शिव कुछ अलग तरीके से अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। आसमानी बिजली गिरने की वजह से शिवलिंग चकनाचूर हो जाता है। लेकिन जब पुजारी इसे मक्खन से जोड़ते हैं, तो ये फिर पुराने रूप में आ जाता है।

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किवदंतियों के अनुसार यहां एक बड़ा अजगर रुपी दैत्य रहता था। इस अजगर रुपी दैत्य का नाम “कुलान्त” था। दैत्य कुल्लू के पास की नागणधार से अजगर का रूप धारण कर मंडी की घोग्घरधार से होता हुआ लाहौल स्पीति से मथाण गांव आ गया। दैत्य रूपी अजगर कुण्डली मार कर ब्यास नदी के प्रवाह को रोक कर इस जगह को पानी में डुबोना चाहता था। इसके पीछे उसका उद्देश्य यह था कि यहां रहने वाले सभी जीवजंतु पानी में डूब कर मर जाएंगे। इसके बाद भगवान शिव ने भक्तों की मदद और लोगों की भलाई के लिए उस राक्षस का वध किया।

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