दरअसल 240 पन्नों की एक किताब के बारे में कहा जाता है कि इसे आज तक कोई भी पढ़ नहीं पाया है। इतिहासकारों के मुताबिक यह किताब लगभग 600 साल पुरानी है। कार्बन डेटिंग के जरिए पता लगाया गया कि इस किताब को 15वीं सदी में लिखा गया है।
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लेकिन इस किताब की खास बात ये है कि जिस भाषा में किताब को लिखा गया है उसे आज तक कोई नहीं समझ सका। हालांकि इस किताब को वैसे तो हाथ से ही लिखा गया है मगर इसके बावजूद भी ये किताब अपने आप में कई अनसुलझे सवाल समेटे हुए हैं।
इस किताब को ‘वॉयनिक मैनुस्क्रिप्ट’ (Voynich Manuscript) नाम दिया गया है। इस किताब में इंसानों से लेकर पेड़-पौधों तक के कई चित्र मौजूद हैं, लेकिन इसमें सबसे दिलचस्प बात ये है कि किताब में कुछ ऐसे भी पेड़-पौधों के चित्र बनाए गए हैं, जो हमारी धरती पर मौजूद किसी भी पेड़-पौधे से मेल नहीं खाते है।
एक अनुमान के किताब में कई पन्ने हुआ करते थे, लेकिन समय के साथ इसके कई पन्ने खराब होते चले गए। फिलहाल इसमें सिर्फ 240 पन्ने ही बचे हैं। इस किताब के बारे में और कुछ ज्यादा पता नहीं चल पाया है। लेकिन किताब में लिखे गए कुछ शब्द लैटिन और जर्मन भाषा में हैं। जिससे ये किताब और कई सवाल खड़े करती है।
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कईयों का मानना है कि इस किताब को कुछ इस तरह लिखा गया है जिससे की इसमें लिखी गई बात को गुप्त रखा जा सकें। ऐसे में इसमें जो भी लिखा गया है वो अभी भी रहस्य बना हुआ है। ये तो किताब लिखने वाला ही जानता है कि उसने इस किताब में ऐसा कौन सा सच छिपा रखा है जिसे कोई नहीं समझ सका।