हैरान करने वाली बात यह भी है कि, इस पत्थर के बारे में विज्ञान भी अभी तक कुछ बता नहीं पाया लेकिन, ऐसा माना जाता है कि अगर इस पत्थर को उठाना है तो देवों के देव महादेव का जाप करना होगा। महादेव के नाम का जाप करने पर ही आप इस पत्थर को उठा ही नहीं बल्कि सिर्फ एक उंगली से ही उठा लेंगे। 21वीं सदी में इस बात पर भरोसा करना थोड़ा मुश्किल है। लेकिन इस बात में कोई झूठ नहीं है। दरअसल, यह चमत्कार शिव के धाम पिथौरागढ़ में होता है यह अद्भुत पत्थर दिल्ली से लगभग 550 किलोमीटर दूर स्थित उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के ‘मोस्टा मानो मंदिर’ इस मंदिर की माने तो यह एक ऐसा शिव मंदिर जहाँ विज्ञान के सारे नियम फेल हो जाते हैं। लोगों का ऐसा मानना है कि इस पत्थर में बहुत सी अलौकिक शक्तियां मौजूद हैं। पुराणों के अनुसार, मोस्टा देवता भगवान शिव के ही एक रुप हैं, लेकिन चंडाक वन का नाता है मां काली से। पौराणिक कहानियों के अनुसार, शुंभ-निशुम्भ ने मां काली को चुनौती देने के लिए शक्तिशाली राक्षस चंड-मुंड को उनके पास भेजा। इसके बाद, मां काली ने चामुंडा का अवतार लेकर चंड-मुंड का वध कर दिया। मान्यता है कि चंडाक वन ही वो जगह है जहां चंड-मुंड का वध किया गया था। कथाएं जो भी हों लेकिन, इस मंदिर में हो रहे चमत्कार को विज्ञान भी नामसाकर करता है यही क्या कम है।