गांववालों की मानें तो, शिव के पीछे कौवे इस कदर पड़ जाते हैं जैसे वे सच में उसे मारना चाहते हों। वे सड़क पर चलते शिव पर ऐसे हमला करते हैं जैसे एक फाइटर प्लेन अपने टारगेट पर हमला करता है। हर दिन कौवे शिव के घर के बाहर उसका इंतज़ार करते हैं। वे हर दिन उसका पीछा करते हैं और मौका देखते उसपर अपनी चोंच से हमला कर देते हैं। ग्रामीणों की मानें तो कौवों के हमले से शिव के सिर पर चोट का निशान भी है। शिव हर समय अपने साथ एक छड़ी रखते हैं ताकि वे कौवों को भगा सकें। लेकिन वे कभी छड़ी से कौवों को मारते नहीं हैं केवल उससे भगाने का काम करते हैं।
इस विषय में भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अशोक कुमार मुंजाल का कहना है कि- “ज्यादातर पक्षियों की तुलना में कौवे अधिक बुद्धिमान होते हैं। उन्हें उन लोगों के चेहरे याद रहते हैं जो उनके साथ अन्याय करते हैं।” वाशिंगटन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का भी मानना है कि, ‘कौवे बदला लेने में माहिर होते हैं। वे अपने दुश्मन पर झुंड बनाकर हमला करते हैं।’ तर्क जो भी हों लेकिन शिव ने भला करने के लिए एक कदम उठाया और वे अब इस परिस्थिति का शिकार हो रहे हैं।