बताया जाता है कि 30 वर्षीय यह शख्स बाइपोलर डिसऑर्डर नामक मानसिक बीमारी का शिकार है। इस वजह से उसकी सोचने समझने की क्षमता कम है। चूंकि मशरुम में साइलोसाइबिन नामक तत्व होता है जो ऐसे मरीजों के दिमाग को शांत रखने में मदद करता है। इसलिए शख्स ने साइक्रेडेलिक मशरूम को उबालकर उसके रस को सुई से अपनी नसों में इंजेक्ट कर लिया। मगर उसका ऐसा करना घातक साबित हुआ। थोड़ी देर में वह खून की उल्टियां करने लगा। उसे पीलिया और डायरिया हो गया था। जांच में पता चला कि शख्स ने जिस मशरुम का पानी अपने शरीर में डाला था इससे उसकी नसों में मशरूम पैदा हो गए हैं। इतना ही नहीं उसके लीवर में घाव भी हो गया था।
समय रहते इस पर नियंत्रण ना पाने पर शख्स के दूसरे ऑर्गन भी फेल हो सकते थे। लिहाजा डॉक्टरों ने तुरंत उसे वेंटिलेटर पर रखा और उसके खून को बदला। शरीर में बचे हुए खून से टॉक्सिन निकालने के लिए डॉक्टरों ने उसे 22 दिनों तक हॉस्पिटल में रखा। बड़ी मुश्किल से शख्स रिकवर हो पाया। हालांकि भविष्य में उसे किसी तरह की दिक्कत का सामना ना करना पड़े इसलिए डॉक्टरों ने उसे कई साल तक एंटीबायोटिक और एंटीफंगल दवा लेने की सलाह दी।