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माता शीतला के मंदिर में स्थापित है ये ‘चमत्कारी घड़ा’, 800 सालों से लोग भर रहे पानी लेकिन…

locationनई दिल्लीPublished: Feb 11, 2019 01:34:24 pm

Submitted by:

Priya Singh

कहते हैं 800 साल पहले यह गांव एक रक्षक के प्रकोप से जूझ रहा था। लोगों की मान्यता है कि इस घड़े का पानी कोई राक्षस पी लेता है।

mysterious shitla mata temple pali rajasthan

माता शीतला के मंदिर में स्थापित है ये ‘चमत्कारी घड़ा’, 800 सालों से लोग भर रहे पानी लेकिन…

नई दिल्ली। राजस्थान के पाली जिले में माता शीतला का एक बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर स्थापित है। इस मंदिर के प्रसिद्ध होने की वजह है इस मंदिर का चमत्कारी घड़ा। मान्यता है कि यह घड़ा करीब 800 सालों से इसी मंदिर में है। इस घड़े को सालभर में दो बार श्रद्धालुओं के सामने लाया जाता है। साल में दो बार खोले जाने वाला यह घड़ा आधा फीट गहरा और आधा फीट चौड़ा बताया जाता है। इस घड़े पर रहे इस पत्थर को शीतला सप्तमी और ज्येष्ठ माह की पूनम पर ही हटाने की प्रथा है। इन दोनों मौकों पर गांव और आसपास के गावों की महिलाएं इस चमत्कारी घड़े को भरने की कोशिश करती हैं। लेकिन हिरण कर देने वाली बात यह है कि इस पावन घड़े में जितना भी पानी डाल दिया जाए यह कभी नहीं भरता।

मान्यता के अनुसार इस घड़े में गांव की सभी महिलाएं मटके भर-भरकर पानी डालती हैं लेकिन यह चमत्कारी घड़ा 800 सालों से कभी भरा नहीं। पूजा के समाप्त होने पर मंदिर के पुजारी शीतला माता के चरणों में दूध का भोग लगाते हैं और इसके बाद इस चमत्कारी घड़े को बंद कर दिया जाता है। जानकारी के अनुसार इस घड़े में अब तक 50 लाख लीटर से ज्यादा पानी भरा जा चुका है। लोगों की मान्यता है कि इस घड़े का पानी कोई राक्षस पी लेता है। इसलिए इसमें पानी कभी भरता नहीं। कहते हैं 800 साल पहले यह गांव एक रक्षक के प्रकोप से जूझ रहा था। तब लोगों ने शीतला माता की तपस्या की। कहा जाता है तपस्या से खुश होकर माता शीतला एक ब्राह्मण के सपने में आईं और बताया कि जिस दिन उसकीविवाह होगा, उसी दिन वह राक्षस को मार देंगी। उस दिन माता एक छोटी बच्ची के रूप में प्रकट हुई और अपने घुटनों से दबोंचकर राक्षस का अंत कर दिया। राक्षस ने मरते समय में शीतला माता से वरदान मांगा कि उसे प्यास बहुत लगती है। माता से उसने वरदान मांगा कि उसे साल में दो बार पानी पिलाया जाए। माता ने उसे वरदान दे दिया बस तभी से इस गांव में यह परंपरा निभाई जाती है।

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