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इस तालाब में दफन है महाभारत का पूरा रहस्य, हकीकत जान रह जाएंगे हैरान

locationनई दिल्लीPublished: Oct 30, 2018 01:56:15 pm

Submitted by:

Priya Singh

बेशक आपको धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के इतिहास की जानकारी होगी, लेकिन आज भी बहुत से रहस्य ऐसे हैं जो महाभारत के इस रणक्षेत्र में दफन हैं।

mystery of duryodhan

इस तालाब में दफन है महाभारत का पूरा रहस्य, हकीकत जान रह जाएंगे हैरान

नई दिल्ली। बेशक आपको धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के इतिहास की जानकारी होगी, लेकिन आज भी बहुत से रहस्य ऐसे हैं जो महाभारत के इस रणक्षेत्र में दफन हैं। आज हम आपको ऐसे ही कुछ रहस्यों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। दरअसल, कुरुक्षेत्र के पिहोवा में एक गांव है खेडी शिशगरां। जहां महाभारत के युद्ध में हार के बाद दुर्योधन यहां के एक तालाब में कई दिनों तक छिपा रहा।

इस तालाब के बारे में कहा जाता है कि यह दुर्योधन का तालाब है। यहां पर महाभारत के युद्ध के बाद दुर्योधन ने अपनी जान बचाने के लिए जल समाधि ली थी। इस कारण से आज भी लोगों द्वारा इस तालाब पर दुर्योधन की पत्नियों की पूजा की जाती है। लोगों का कहना है कि युद्ध के पश्चात दुर्योधन कौरवों में अकेला ही बचा था और वो अपनी जान बचाने के लिए इसी गांव के तालाब में छिप गया था और तालाब में खिले कमल के फूलों के जरिए सांस लेता था, लेकिन वह ज्यादा दिनों तक पांडवो और श्रीकृष्ण से बच ना सका।

पांडवों ने इस तालाब को चारो ओर से घेर लिया और दुर्योधन को तालाब से बाहर निकलने के लिए मजबूर किया। तालाब ने निकलने पर भीम ने दुर्योधन पर गदा से प्रहार करना शुरू कर दिया, लेकिन माता गांधारी के आशीर्वाद से दुर्योधन का शरीर वज्र का हो चुका था सिवाए जांघ के। ऐसे में भीम ने दुर्योधन की जांघ पर प्रहार करना शुरू किया और उसका अंत कर दिया। बाद में इसी स्थान पर दुर्योधन का अंतिम संस्कार किया गया। ऐसे में उसकी 13 पत्नियां सती हो गईं। इसके बाद से ही इस स्थान को गांव के लोगों द्वारा पूजा जाता है।

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