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इज्जत से नहीं, यहां मौसम से है नाक का संबंध

Published: Mar 21, 2017 01:14:00 pm

Submitted by:

rajesh walia

र्म और नम जलवायु में रहने वालों लोगों की नाक अक्सर अधिक चौड़ी होती है। वहीं ठंडे और सूखे प्रदेशों में रहने वाले लोगों की नाक पतली होती है।

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अमरीका की पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पूर्वी एशिया, दक्षिण एशिया, पश्चिमी अफ्रीका व उत्तरी यूरोपीय के हजारों लोगों की नाक के थ्री-डी इमेज का अध्ययन किया। यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता अरस्लान जैदी और उनकी टीम ने अपने अध्ययन में पाया कि नाक के आकार को तय करने में तापमान, आद्र्रता और जलवायु को प्रभावित करने वाले कारकों की अहम भूमिका होती है।
उनके मुताबिक गर्म और नम जलवायु में रहने वालों लोगों की नाक अक्सर अधिक चौड़ी होती है। वहीं ठंडे और सूखे प्रदेशों में रहने वाले लोगों की नाक पतली होती है। 

मानव इतिहास से हैं संबंध
जैदी के अनुसार थॉमसन नियम का उपयोग अब तक खोपड़ी मापने में होता था, पर अब इस अध्ययन का उपयोग नाक का आकार मापने में भी किया जा रहा है। इस शोध में वैज्ञानिकों ने नाक की चौड़ाई, लंबाई, ऊपरी हिस्से आदि का अध्ययन किया।
 इस परीक्षण में पाया गया कि इसका संबंध जटिल मानव इतिहास से है, लेकिन अब भी कई चीजों को पता लगाया जाना बाकी है।

आकार भी अहम

अभी तक माना जाता था कि नाक का काम गंध पहचानना और सांस लेना है, लेकिन नए शोध बताते है कि नाक का आकार भी बहुत अहम होता है और यह कई इंसानी क्षमताओं के बारे में बताता है। 
शोधकर्ताओं के मुताबिक जिन लोगों की नाक के छिद्र पतले होते हैं, वे ज्यादा बेहतर तरीके से कार्य को अंजाम देते है और संतान पैदा करने की उनकी क्षमता भी मोटी नाक वाले लोगों की तुलना में अधिक होती है। शोधकर्ता जैदी के अनुसार, यह शोध थॉमसन नियम का पूरी तरह से समर्थन करता है।
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