बच्ची को ऐसी हालत में देखते ही मां के होश उड़ गए। बेटी को बांहों में लिए कैरोलीन सबसे पहले रेस्टॉरेंट से बाहर की ओर भागी। कैरोलीन ने देखा कि सिग्नल पर पुलिस की गाड़ी खड़ी है। महिला ने बिना कुछ सोचे-समझे सीधे जाकर गाड़ी से चिपट गई और बच्ची की जान बचाने के लिए मदद की भीख मांगने लगी। गाड़ी में मौजूद पुलिस अधिकारी माइकल पेस और जोसेफ ने देखा कि क्लो सांस नहीं ले पा रही है और उसका शरीर नीला होता जा रहा है। जिसके बाद उन्होंने तुरंत अपने वायरलेस फोन पर एंबुलेंस से संपर्क किया, जो वहां से 8 मिनट की दूरी पर था। वायरलेस पर एंबुलेंस की बात पास में ही मौजूद पुलिस के एक और अधिकारी डेनियल न्यूमैन ने सुनी, जिनके साथ एक और अधिकारी मौजूद था। दोनों तुरंत पेस के पास पहुंचे, उन्होंने एंबुलेंस का इंतज़ार करने के बजाए खुद ही बच्ची को अस्पताल पहुंचाने का निर्णय लिया।
जिसके बाद पुलिस के जाबांज अधिकारियों ने क्लो को पैटरोलिंग कार में लिटा दिया। दूसरी ओर डेनियल पिछली सीट पर बच्ची को सीपीआर दे रहे थे। उन्होंने बच्ची के मुंह में उंगली डालकर भी देखा, ताकि गले में कुछ फंसा न हो। पुलिस ने अपनी सक्रियता दिखाते हुए बच्ची को कोने आईलैंड अस्पताल पहुंचाया और कैरोलीन की पूरी मदद की। डेनियल ने लगातार बच्ची को सीपीआर दिया, लिहाज़ा बच्ची के शरीर का रंग सामान्य होता रहा और साथ ही में बच्ची ने रोना भी शुरु कर दिया था। बच्ची को अस्पताल के आपाताकालीन ब्लॉक में भर्ती किया गया, जहां डॉक्टरों ने उसका इलाज शुरु किया। डॉक्टरों ने बताया कि यदि बच्ची को अस्पताल लाने में देरी होती तो, कोई बड़ी अनहोनी भी हो सकती थी। इसके अलावा डॉक्टर ने कहा कि ये बहुत ही गजब की बात है कि पुलिस अधिकारी डेनियल ने बच्ची को लगातार सीपीआर दिया, जिससे बच्ची की जान बच गई।
बच्ची फिलहाल अब बिल्कुल ठीक है, लिहाज़ा कैरोलीन पुलिस के जाबांज अधिकारियों का ये ज़िंदगी भर न भूलने वाला एहसान लेकर उनका शुक्रिया करते नहीं थक रही हैं। कैरोलीन ने कहा न्यूयॉर्क सिटी पुलिस डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने ठीक वैसे ही मदद की जैसे भगवान ने आकर उनकी बच्ची की जान बचा ली हो। कैरोलीन ने एक अमेरिकी अखबार से बातचीत करते हुए कहा कि क्लो उनकी इकलौती संतान थी, जो उनकी गोद में ही दम तोड़ रही थी। कैरोलीन ने कहा कि बच्ची की ऐसी हालत देखकर ज़ाहिर सी बात थी कि उनकी धड़कनें काफी तेज़ हो गई थीं।