3 दिल और 9 दिमाग
बहुत कम लोगों को ही पता है कि ऑक्टोपस के तीन दिल होते हैं। शरीर के चारों ओर रक्त पंप करने के लिए एक मुख्य दिल, और गलफड़ों के लिए दो दिल। यह अपनी भुजाओं को नियंत्रित करने के लिए अपने 8 छोटे दिमाग (गन्ग्लिओन )और एक मुख्य दिमाग का इस्तेमाल करता है। इस प्रकार कुल 9 दिमाग होते है। सबसे बड़ी खास बात उनके रक्त में एक तांबा-आधारित रंगद्रव्य (हेमोसायनिन) होता है। जिसके कारण उसके रक्त का रंग नीला नजर आता है।
300 प्रजातियां
आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि ऑक्टोपस की 24 नहीं बल्कि 300 के करीब प्रजातियां होती हैं। यह दुनिया की हर महासागर में पाई जाती है। ऑक्टोपस का जीवनकाल बेहद कम होता है। इनकी कई प्रजातियां ऐसी होती हैं जो महज 6 महीने तक जिंदा रहती हैं जबकि कुछ प्रजातियां ऐसी होती हैं जो 5 साल तक जिंदा रहती हैं।
कुछ प्रजातियां होती है जहरीली
एक रिपोर्ट के अनुसर, ऑक्टोपस की कुछ प्रजातियां बहुत ही जहरीली होती हैं। इतनी जहरीली कि अगर वो इंसान को एक बार काट लें तो उससे व्यक्ति की मौत भी हो जाती है। तकरीबन 63 साल पहले यानी कि साल 1957 में दक्षिणी कनाडा में एक विशाल ऑक्टोपस मिला था। जिसका वजन करीबन 270 किलोग्राम था और इसकी भुजाएं भी 5 मीटर लंबी थी।