वहां के शिक्षक और स्टूडेंट्स ने इस लंगूर का नाम लक्ष्मी रख दिया हैं। अब वह भी धीरे धीरे अपना नाम पहचानने लगी है। वो पहले दिन से ही क्लास में बहुत ही अच्छे से पेश आने लगी थी। वहां के विद्यार्थी जिस तरह से क्लास में स्कूल के नियम-कानून का पालन करते हैं लक्ष्मी भी वैसे ही पालन करती है।
बताया जाता है कि लंगूर (लक्ष्मी) सुबह होने वाली प्रार्थना के दौरान भी छात्रों के बीच ही रहती है। जब सभी बच्चे क्लास की ओर जाते हैं लक्ष्मी भी उनके साथ हो लेती है। लक्ष्मी दोपहर का भोजन भी बच्चों के साथ ही करती है। यहां तक कि क्लास ख़त्म होने के बाद वह उन्हीं बच्चों के साथ खेलने लगती है। अब वहा के टीचर्स का मानना है कि जबसे लक्ष्मी क्लास में आने लगी है तब से स्कूल में छात्रो की संख्या में भी बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। छात्रों को लक्ष्मी के साथ पढ़ना और खेलना अच्छा लगता है।