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यहां जानवरों की तरह पिंजरे में रहने को मजबूर है लोग, होती है कई प्रकार की परेशानी

locationनई दिल्लीPublished: Jan 23, 2021 10:03:36 am

Submitted by:

Shaitan Prajapat

जहां पर लोग जानवरो की तरह पिंजरे में रहने के लिए मजबूर है। इसके लिए लोग काफी पैसे का भुगतान करते है।

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नई दिल्ली। आमतौर पर जंगली जानवरों को लोहे के मजबूत पिंजरों रखा जाता है। या कुछ लोग जानवर पालने का शौक होता है तो उनको पिंजरे में कैद रहते है। इंसान पिंजरे में नहीं रहता है। अपराधी दोषी करार होने के बाद उनको जेल में रखा जाता है। इस दुनिया में एक जगह ऐसी है जहां पर जानवरों की तरह इंसान लोहे के पिंजरों में रहते है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इन जेल इतनी छोटी होती है कि लोगों को खड़े खड़े ही रात गुजारनी पड़ती है। हम बात कर रहे है हॉगकांग की। यहां पर लोगों को पिंजरे में जानवर की तरह रहना पड़ता है। आइए जानते है आखिर लोग जानवरों की तरह पिंजरे में रहने को क्यों मजबूर हैं….


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जानवरों की तरह पिंजरे में जीवन यापन
एक रिपोर्ट के अनुसार, हांगकांग में लोगों को लोहे से बने पिंजरों में रहना पड़ रहा है। बताया जाता है कि यहां रहना लोगों के लिए आसान नहीं है। इसके लिए उनको इसकी कीमत भी चुकानी पड़ती है। बताया जाता है कि एक पिंजरे की कीमत लगभग 11 हजार रुपये है। इन पिंजरों को खंडहर हो चुके मकानों में रख दिया जाता है। इन सभी पिंजरो में 100 से भी ज्यादा लोग रहते है। जहां पर लोगों को पिंजरे में जानवर की तरह रहकर जीवन यापन करना पड़ रहा है।

होती है कई प्रकार परेशानी
सैंकड़ों लोगों के लिए यहां पर सिर्फ दो ही टॉयलेट बनाए गए है। इसकी वजह से यहां पर लोगों को कई प्रकार परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बताया जाता है कि इन पिंजरो को आकार एक समान होता है। एक पिंजरा सिर्फ एक केबिन के बराबर होता है। पिंजरे में बिछाने के लिए लोग गद्दे की जगह बांस की चटाई का इस्तेमाल करते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, ये लोग महंगे घरों खरीदने में सक्षम नहीं होते है। इसलिए ये लोग जानवरों की तरह पिंजरे में रहने के लिए मजबूर है। फिलहाल इस तरह के घरों में लगभग एक लाख लोग रह रहे हैं।

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