scriptराधा-कृष्ण के चलते आज भी ये दो गांव आपस में नहीं जोड़ते हैं वैवाहिक संबंध, पांच हजार साल पुरानी है यह परंपरा | People of Nandgaon and Barsana are following this tradition since ages | Patrika News

राधा-कृष्ण के चलते आज भी ये दो गांव आपस में नहीं जोड़ते हैं वैवाहिक संबंध, पांच हजार साल पुरानी है यह परंपरा

Published: Mar 14, 2019 09:48:19 am

Submitted by:

Arijita Sen

राधा-कृष्ण के प्रेम को अमर रखने की खातिर लोग ऐसा कर रहे हैं
वैवाहिक संबंध न बनाने के बावजूद भी आपस में घुलमिल कर रहते हैं
पांच हजार साल से कर रहे हैं लोग इस परंपरा का पालन

Radha Krishna

राधा-कृष्ण के चलते आज भी ये दो गांव आपस में नहीं जोड़ते हैं वैवाहिक संबंध, पांच हजार साल पुरानी है यह परंपरा

नई दिल्ली। आज हम आपको दो ऐसे गांवों का नाम बताने जा रहे हैं जहां पिछले कई सालों से एक अजीबोगरीब परंपरा का पालन किया जा रहा है। खास बात तो यह है कि इन दोनों गांव का संबंध ही भगवान श्रीकृष्ण से है। नंदगांव और बरसाना ही वे दोनों गांव हैं जिनका जिक्र यहां किया जा रहा है। यहां की अनोखी परंपरा के चलते इन दोनों गांवों के लोग कभी आपस में वैवाहिक संबंध नहीं जोड़ते हैं। आइए जानते हैं कि आखिर क्या है इस परंपरा को मनाने के पीछे की वजह?

Nandgaon

दरअसल, भगवान कृष्ण और राधा रानी के प्रेम के चलते यहां के लोग इस परंपरा को निभाते आ रहे हैं। बरसाना के निवासियों का ऐसा मानना है कि श्रीकृष्ण के अलावा यहां का दामाद कोई और नहीं हो सकता और ठीक इसी तरह नंदगाव की बहू भी सिर्फ राधा रानी ही रहेंगी।

Barsana

यानि कि साफ शब्दों में कहे तो नंदगांव और बरसाना के लोग राधा-कृष्ण के प्रेम को संजोए रखने के लिए ऐसा करते आ रहे हैं। गांववासियों का ऐसा मानना है कि अगर दोनों गांव में आपस में वैवाहिक संबंध जुड़ने लगे तो राधा-कृष्ण का प्रेम धूमिल पड़ जाएगा।

Marriage

कहा जाता है कि बरसाना के बड़े-बुजुर्ग नंदगांव को राधा रानी का ससुराल मानते हुए वहां का पानी तक नहीं पीते हैं और बरसाना में नंदगांव से आए किसी भी व्यक्ति को खाली हाथ विदा नहीं किया जाता है।

पिछले पांच हजार साल से नंदगांव और बरसाना के बीच कोई भी शादी नहीं हुई है, लेकिन दोनों ही ससुराल की रस्म को भली-भांति निभाते हैं। नंदगांव के युवाओं का ऐसा मानना है कि बरसाना ही उनका ससुराल है।

 

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