यहां से होकर जाने वाली ट्रेन से कई लोग यहां चढ़ते-उतरते भी हैं। आमतौर पर इस बेनाम रेलवे स्टेशन पर उतरने वाले यात्री ‘कमले’, ‘बड़कीचांपी’, ‘छोटकीचांपी’, ‘सुकुमार’ आदि गांवों के निवासी होते हैं। अब आपके दिमाग में यह सवाल उठ रहा होगा कि आखिर इस रेलवे स्टेशन का नाम अभी तक रखा क्यों नहीं गया है। तो चलिए अब हम आपके इस सवाल का जवाब दे दें। दरअसल इस रेलवे स्टेशन के नाम को लेकर काफी विवाद चल रहा है।
कमले गांव के लोगों ने बताया कि इस रेलवे स्टेशन को बनाने में उनके गांव के लोगों ने अपना पसीना बहाया है। लेकिन प्रशासन उनके साथ अन्याय कर रहा है। कई बार इस रेलवे स्टेशन को बड़कीचांपी नाम देने की कोशिश की गई, लेकिन कमले गांव के लोगों ने भारी विरोध कर इसे पूरा नहीं होने दिया। लेकिन यहां एक बात तो साफ है कि सरकार की नज़रों में इस रेलवे स्टेशन का नाम बड़कीचांपी है।