एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मंदिर में काली, त्रिपुर भैरवी, धुमावती, तारा, छिन्न मस्ता, षोडसी, मातंगड़ी, कमला, उग्र तारा, भुवनेश्वरी आदि दस महाविद्याओं की भी प्रतिमाएं हैं। इसके अलावा यहां बंगलामुखी माता, दत्तात्रेय भैरव, बटुक भैरव, अन्नपूर्णा भैरव, काल भैरव व मातंगी भैरव की प्रतिमा स्थापित की गई हैं। इस कारण तांत्रिकों की आस्था इस मंदिर के प्रति अटूट है। कहा जाता है कि यहां किसी के नहीं होने पर भी आवाजें सुनाई देती हैं। राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर की सबसे अनोखी मान्यता यह है कि रात में यहां स्थापित मूर्तियों से बोलने की आवाजें आती हैं। मध्य-रात्रि में जब लोग यहां से गुजरते हैं तो उन्हें आवाजें सुनाई पड़ती हैं। वैज्ञानिकों की मानें, तो यह कोई वहम नहीं है। इस मंदिर के परिसर में शब्दों के गूंजने की आवाज आती है। हालांकि इस बात की जांच के लिए वैज्ञानिक भी वहां पहुंचे और उन्होंने पाया कि मंदिर में किसी के मौजूद न होने के बाद भी यहां घनी रात में आवजें गुंजती हैं। बता दें कि इसके बाद से वैज्ञानिकों ने भी इस बात को मान लिया कि मंदिर में कुछ तो अजीब है रिसर्च करने के बाद कहा एक तर्क दिया कि यहां पर कोई आदमी नहीं है इस कारण यहां पर शब्द भ्रमण करते रहते हैं। वैज्ञानिकों ने यह भी मान लिया है कि हां पर कुछ न कुछ अजीब घटित होता है।