हम यहां बात कर रहे हैं राजस्थान के उदयपुर जिले से तकरीबन 100 किलोमीटर की दूरी पर रणकपुर में स्थित जैन मंदिर की। इस मंदिर की नक्काशी, स्थापत्य कला वाकई में इंसान को मंत्रमुग्ध कर देती है, लेकिन इसकी सबसे बड़ी खासियत के बारे में जानकर कोई भी हैरान हो सकता है। बता दें, संगमरमर से निर्मित यह मंदिर 1500 खंभों पर टिके होने के कारण पूरी दुनिया में मशहूर है।
जी हां, रणकपुर में उपस्थित यह प्राचीन जैन मंदिर 1500 खंभों पर टिका हुआ है। बेहद खूबसूरती के साथ तराशे गए इस मंदिर की बात ही कुछ और है। अब जरा बात करते हैं मंदिर के निर्माण काल की, तो बता दें, इस मंदिर का निर्माण 15वीं शताब्दी में राणा कुंभा के शासनकाल में हुआ था। राणा कुंभा के नाम पर ही इस जगह का नाम रणकपुर पड़ा।
आप जैसे ही मंदिर के अंदर प्रवेश करेंगे तो देख सकेंगे कि मंदिर के अंदर हजारों खंबे हैं जो कि इसकी सबसे बड़ी खासियत है। मंदिर की दूसरी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि प्रत्येक खम्भे पर शानदार नक्काशी की गई है। इसकी तीसरी सबसे बड़ी खूबी यह है कि इन सभी खंभों से जहां से भी आपकी नजर जाएगी वहीं से आप मुख्य मूर्ति के दर्शन कर पाएंगे। इतना ही नहीं, उस जमाने में निर्माताओं ने मंदिर में कई तहखाने भी बनवाए हैं ताकि भविष्य में किसी संकट का अनुमान लगा सकें।इन तहखानों में पवित्र मूर्तियों को सुरक्षित रखा जा सकता है।
यह मंदिर जैन धर्म के पांच प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है। मंदिर के मुख्य गृह में तीर्थंकर आदिनाथ की संगमरमर से बनी चार विशाल मूर्तियां भी हैं। बेहद बारीकि से तराशे गए इस मंदिर की नक्काशी को देखने के लिए पूरी दुनिया से यहां पर्यटक आते हैं।
रणकपुर में स्थित इस मंदिर में 76 छोटे गुंबदनुमा पवित्र स्थान, चार बड़े प्रार्थना कक्ष तथा चार बड़े पूजन स्थल हैं। ऐसी मान्यता है कि, ये मनुष्य को जीवन-मृत्यु की 84 योनियों से मुक्ति प्राप्त कर मोक्ष प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते हैं।