सबसे पहले तो बता दें कि इस लेप को Embalming fluid के नाम से जाना जाता है। इसे विभिन्न केमिकल्स और डिसइंफेक्टेंट से बनाया जाता है। कई बार ऐसा होता है कि मौत के बाद किसी कारणवश मृतदेह को काफी लंबे समय तक रखना पड़ता है, इस स्थिति में बॉडी को सड़ने से रोकने के लिए शव पर इस लेप को लगाया जाता है और इंजेक्ट भी कर दिया जाता है।
खास तरीके से बना यह लेप शरीर को डिकंपोज होने से बचाता है। एम्बामिंग लेप को बनाने के लिए formaldehyde, glutaraldehyde, methanol और कई तरह के सॉल्वेंट का इस्तेमाल किया जाता है। मेंथाल का उपयोग इसे बनाने में सबसे ज्यादा किया जाता है। इस घोल को तैयार कर लेने के बाद इसे अच्छे से पूरे शरीर पर लगा दिया जाता है।
शरीर पर लगाने के तुरंत बाद यह स्किन में मौजूद प्रोटीन को तोड़कर बैक्टीरिया का खाना बनाने से रोकता है। जैसा कि पहले ही बताया जा चुका है कि लेप को तैयार करने में डिसइंफेक्टेंट का इस्तेमाल भी किया जाता है जो त्वचा में मौजूद बैक्टीरिया को मार देता है। इससे बॉडी को लंबे समय तक खराब होने से बचाया जा सकता है। अतिरिक्त जो वक्त मिलता है उसका उपयोग छानबीन करने, सबूतों को इकट्ठा करने में किया जाता है ताकि सच्चाई का पता जल्द से जल्द लगाया जा सकें।