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जब उस ‘भोला’ के प्रकोप से कांप गई थी पूरी धरती, थर्रा गया था पाकिस्तान और…

locationनई दिल्लीPublished: Sep 19, 2018 01:12:10 pm

Submitted by:

Priya Singh

उस समय का नज़ारा ऐसा लग रहा था मानों बस धरती खत्म होने वाली है, ऐसा लग रह था दुनिया का अंत करीब है।

remembering bhola storm that had caused a huge devastation

जब उस ‘भोला’ के प्रकोप से कांप गई थी पूरी धरती, थर्रा गया था पाकिस्तान और…

नई दिल्ली। साल 1970 में ‘भोला’ ने लगभग 3 से 5 लाख लोगों की जान ले ली थी। उस समय का नज़ारा ऐसा लग रहा था मानों बस धरती खत्म होने वाली है, ऐसा लग रह था दुनिया का अंत करीब है। भोला चक्रवात बंगाल की खाड़ी से पनपा और पाकिस्तान जाकर खत्म हुआ। यह चक्रवात 185 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पूर्वी पाकिस्तान पहुंचा। तट से दूर द्वीपों, गांवों और फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया था भोला ने। इस चक्रवाती तूफान से लगभग 86.4 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ। जैसे हाल ही में अमेरिका, फिलीपींस और चीन में तूफानी चक्रवात का कहर दिखाई दे रहा है। वैसे भोला ने भी कई जिंदगियां खत्म की हैं, कितने लोग बर्बाद हो गए। जानकारी के लिए बता दें कि, चक्रवात कई तरह के होते हैं। इनकी ताकत और बनावट के आधार पर इन्हें नाम दिया जाता है। इन्हें खासकर हरिकेन या साइक्लोन कहा जाता है। हरिकेन ज्यादातर क्लॉकवाइज घूमते हैं। इसलिए इनको ट्रॉपिकल साइक्लोन्स मतलब चक्रवात भी कहा जाता है।

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ग्रेट भोला साइक्लोन सिर्फ एक तूफान नहीं जिसने इतनी तबाही मचाई है, नर्गिस , नीना, हैफोंग और कोरिंगा नाम के इन तूफानों ने भी कई लोगों की ज़िंदगियां उजाड़ी हैं। साल 1839 कोरिंगा नाम का ज़लज़ला आया था जो करीबन 3 लाख लोगों की मौत का ज़िम्मेदार था। कोरिंगा, आंध्र प्रदेश का एक छोटा सा शहर जहां पर इस खतरनाक चक्रवाती तूफान ने सबसे ज़्यादा असर छोड़ा। 40 फुट ऊंची लहरों से इस तटीय शहर को लगभग बर्बाद करके रख दिया। इसके बाद आया 1975 आया नीना का तूफान जिसमें मृतकों की संख्या 1.71 लाख थी। इस चक्रवाती तूफान ने चीन में जमकर तबाही मचाई। बता दें की, 200 किमी/प्रति घंटा आए नर्गिस ने साल 2008 में न सिर्फ इंसानी नस्ल को नुकसान पहुंचाया बल्कि म्यांमार में फसल और झींगा उद्धोग को लगभग खत्म कर दिया।

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