पहली नज़र में तो लोग इसे तोप ही समझ रहे थे। व्लादिवोस्टोक से थोड़ी दूरी पर दिखी ये अजीबो-गरीब चीज़ काफी पुरानी थी। इलाके में घूम रहे लोगों को इसकी सच्चाई जानने की इच्छा हुई, लिहाज़ा वे इसके पास जा पहुंचे। लेकिन जैसे ही वे तोप के नज़दीक पहुंचे तो उन्हें आखिरकार सच्चाई का पता चल ही गया। तोप के पास जाने के बाद उन्हें पता चला कि वे किसी तोप के पास नहीं बल्कि एक किले के टॉप पर खड़े हैं। इलाके में घूम रहे लोगों को ऐसी कई तोपें दिखीं, जो किले के ऊपरी हिस्से पर मौजूद थीं।
जिस पर किले पर वे लोग घूम रहे थे, वह काफी पुराना था। किले की उम्र का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसका आधा हिस्सा तो ज़मीन के नीचे चला गया था। किले के ऊपर आने के बाद लोगों के मन में काफी सवाल उठने लगे कि वह किला किसने, क्यों और कब बनवाया होगा। खबरों की मानें तो यह किला 19 वीं शताब्दी में रूसी सेना ने जापानी सेना को रोकने के लिए बनाया था। बता दें कि व्लादिवोस्टोक में इस किले के आस-पास ही कई किले बनाए गए थे। हालांकि रूसी सेना के लिए बनाए गए इस किले को साल 1923 में बंद कर दिया था। लेकिन यहां उन्होंने कई सारी तोपों को रखवा दिया गया था।