इतना ही नहीं इस जगह के बारे में लोगों में यह बात भी मशहूर है कि खुदाई करते समय इस जगह से हजारों शिवलिंग मिले हैं। आसपास के लोगों का कहना है कि ये वही जगह है जहां पर महाभारत काल के समय कौरवों ने पांडवों के वध के लिए लाक्षागृह का निर्माण कराया था लोग बताते हैं महाभारत काल से इस मंदिर को लेकर यही कथा चली आ रही है। कथा के अनुसार अज्ञात वास के समय धर्मराज युधिष्ठिर ने इस शिवलिंग को स्थापित किया था। ये शिवलिंग महामंडेश्वर नाम से जाना जाता है। इस जगह पर युधिष्ठिर ने एक भव्य मंदिर का निर्माण भी करवाया था। इस शिवलिंग के पास दो द्वारपाल पश्चिम की तरफ मुंह किए हुए हैं अगर यहां कोई शव को लेकर आता है तो वो कुछ पल के लिए जिंदा हो जाता है और उसके अन्दर थोड़ी देर के लिए ही सही प्राण का संचार हो जाता है।